हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में पुनः प्रारम्भ हुआ निःशुल्क हंसगंगा हरिशेवा होमियोपैथीक चिकित्सालय
आज दिनांक 13/2/2023 , सोमवार को हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के प्रांगण में हरिशेवा धाम रिलीजियस एंड चैरिटेबल ट्रस्ट व हंसगंगा हरिशेवा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से पुनः होमियोपैथीक चिकित्सालय का शुभारंभ किया गया । आज आश्रम के सतगुरु परम पूज्य बाबा हरिराम साहेब जी के 154वें वार्षिक प्राकट्य उत्सव पर हरिशेवा आश्रम के पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन ने होमियोपैथीक चिकित्सक डॉक्टर नेहा सुखवाल , आश्रम के संत मायाराम , संत गोविंदराम , ब्रह्मचारी मिहिर , अमेरिका से आयी सिमरन सन्नी नौतानी , अजमेर के लक्ष्मण दोलतानी , पुष्पा दोलतानी एवं अन्य भक्तों के साथ विधि विधान से माँ धन्वन्तरि की पूजा की । इस अवसर पर स्वामी जी ने बताया की होम्योपैथी की खोज एक जर्मन चिकित्सक, डॉ. क्रिश्चन फ्रेडरिक सैमुएल हैनिमैन द्वारा अठारहवीं सदी के अंत के दशकों में की गयी थी। यह “सम: समम् शमयति” या “समरूपता” दवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है । ये सेवा आश्रम की और से निःशुल्क प्रदान की जाती है । आश्रम में कुछ समय के लिए कोरोना काल में इसे विश्राम दे दिया गया था , जिसे अब पुनः प्रारम्भ किया गया है ।
हंस गंगा हरीश श्रीवास होम्योपैथिक चिकित्सा पुनः प्रारंभ
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