दलित अत्याचार के मामलों पर असंवेदनशीलता गहलोत सरकार की मौन स्वीकृति को दर्शाता हैः जितेंद्र गोठवाल गहलोत सरकार के शासनकाल में दलित महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर भी असुरक्षितः जितेंद्र गोठवाल जयपुर, 09 सितम्बर 2022। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने प्रदेश में बढ़ते हुए दलित अत्याचार व कांग्रेस के विधायकों द्वारा दलित अत्याचारों के मामलों पर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने के मामले पर प्रेस वार्ता संबोधित की।गोठवाल ने कहा कि कांग्रेस के लगभग 4 सालों में राजस्थान दलित अत्याचारों का गढ़ बन चुका है, इस बात की पुष्टि उनके ही विधायक व नेताओं द्वारा लगातार उन्हीं की सरकार के खिलाफ दिए जा रहे बयानों से हो रही है यदि आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में 26900 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए जिनमें सैकड़ों मामले प्रदेश में दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं के हैं, गहलोत सरकार ने भाजपा द्वारा दलित महिला दुष्कर्म के कई मामलों सीबीआई जांच की मांग को अनदेखा किया नतीजतन प्रदेश में लगातार दलित अपराध व महिला दुष्कर्म के मामले 12.9 प्रतिशत बढ़े, आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान प्रदेश में दलितों दूल्हों को घोड़ी से उतारना, किसी दलित द्वारा विद्यालयों में पकाए जाने वाले खाने का बहिष्कार करना, जैसी घटनाएं आम हो रही हैं जिससे सरकार की दलितों के प्रति असंवेदनशीलता का पता चलता है।गोठवाल ने चूरू में दलित महिला के साथ थाने में हुए बलात्कार के मामले जिक्र करते हुए कहा कि गहलोत सरकार के राज में दलित महिलाएं पुलिस थाना ,अस्पताल ,मंदिरों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी सुरक्षित नहीं है, प्रदेश में साढे 3 साल के शासन में कई दलितों के साथ धर्म विशेष द्वारा मोब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई, जिस पर गहलोत सरकार ने तुष्टिकरण की नीति अपनाते हुए कोताही बरती, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दलित अत्याचारों के मामले में राजस्थान शीर्ष पर है दलित समाज से आने वाले कांग्रेस के विधायक व नेताओं के हस्तक्षेप के बाद भी उन्हीं की सचिन पायलट सरकार मौन साधे हुए हैं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट यह तक कह चुके हैं कि उनकी सरकार दलितों में विश्वास खोती जा रही, दलित अत्याचार के मामलों के विरोध पर कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल का इस्तीफा दिया, साथ ही अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बेरवा भी मुखर होकर सरकार के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे है, जिससे प्रदेश में सरकार की मौन स्वीकृति के चलते दलित अत्याचार चरम पर है, बात बात पर लोकतंत्र की दुहाई देने वाले वाले मुख्यमंत्री गहलोत साहब द्वारा भाजपा नेताओं को दलित अत्याचारों के मामलों का मुखर विरोध करने पर द्वेषपूर्ण कार्यवाही कर जेल में डाल दिया जाता है।
दलित अत्याचार पर बोले गोठवाल
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