आतंकी संगठन PFI की ट्रेनिंग को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) की तरह बताने के बाद पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो विवादों में घिर गए हैं। भाजपा ने SSP को मानसिक रूप से दिवालिया और जिहादियों का समर्थक बताते हुए पद से हटाने तक की मांग कर दी है। SSP के अनुसार, उनके बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
इधर, बयान पर मचे राजनीतिक घमासान के बाद ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनसे 48 घंटे में जवाब मांगा गया है।
पहले पूरा मामला समझते हैं
दरअसल, पटना पुलिस ने गुरुवार को एक बड़े टेरर मॉड्यूल के भंडाफोड़ का दावा किया। पटना SSP ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और बताया कि मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।
बता दें कि पीएम 12 जुलाई को पटना में विधानसभा के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पीएम के दौरे से एक दिन पहले ही इन लोगों को पुलिस ने दबोच लिया था। ये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से भी जुड़े थे।
SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि आतंकियों के पास से इंडिया 2047 के नाम से 7 पेज का एक डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें आतंकियों के पूरे मंसूबे का कच्चा चिट्ठा है। SSP ने टेरर मॉड्यूल पर बात करते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपी मदरसे से लोगों को मोबिलाइज करते थे और कट्टरता की ओर मोड़ रहे थे।
इसका मोडस वैसे ही था जैसे RSS शाखा का होता है। RSS की शाखा में फिजिकल ट्रेनिंग होती है। वैसे ही ये लोग भी फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने प्रोपेगैंडा के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे। SSP के इसी बयान के बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला और उन्हें हटाने तक की मांग कर दी।
दिमागी तौर पर दिवालिया हो चुके हैं SSP
SSP के बयान के बाद BJP आक्रामक हो गई है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा है- ‘SSP दिमागी तौर पर दिवालिया हो गए हैं। सरकार तुरंत उन्हें बर्खास्त करें। मुख्यमंत्री से अपील है कि इस पर तुरंत संज्ञान ले। PFI एक आतंकी संगठन है, जबकि RSS एक सांस्कृतिक और राष्ट्र निर्माण संगठन है। सरकार अविलंब इस पर कार्रवाई करें, यह बर्दाश्त नहीं हो सकता।’