प्रेम प्रकाश के महाकुंभ चैत्र मेले में हो रहा है आचार्य श्री का गुणगान।

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श्री अमरापुर धाम जयपुर प्रेम प्रकाशीयो के महाकुंभ चैत्र मेले में हो रहा आचार्य श्री का गुणगान संत महंतो का हुआ विशाल भोज जयपुर।:- लघु काशी गुलाबी नगरी में एम.आई. रोड स्थित पावन तीर्थ श्री अमरापुर स्थान पर चल रहे प्रेम प्रकाशीयों के महाकुंभ 103 वे चैत्र मेले पर पर देश-विदेश से आए हुए संत महात्माओं,गुणीजनों एवं विख्यात कलाकारों द्वारा आचार्य श्री सद्गुरु स्वामी टेऊराम जी महाराज की अद्भुत महिमा का गुणगान किया जा रहा है। प्रेम प्रकाश मंडल अध्यक्ष पूज्य गुरुवर सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज ने 103 वें चैत्र मेले के उपलक्ष पर आचार्य श्री की महिमा का गुणगान करते हुए बताया कि यह जो चैत्र का मेला चल रहा है इसकी स्थापना आचार्य श्री के द्वारा 103 वर्ष पूर्व सिंध प्रदेश के टंडे आदम में की गई थी ! तत्पश्चात 1952 में भारत के जयपुर में स्थित श्री अमरापुरा स्थान का निर्माण कर, सद्गुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज ने गुरुवर आचार्य श्री के इस पवित्र चैत्र मेले को लगाया और वही परंपरा निरंतर चली आ रही है। उन संत महात्माओं के द्वारा किए गए तप, त्याग, वैराग्य को याद करने के लिए ही इन मेंलो का आयोजन किया जाता है।
सूरत से पधारे स्वामी ब्रह्मानंद शास्त्री जी ने भी अपनी ओजस्वी वाणी से गुरुदेव का गुणगान किया।कोटा से स्वामी मनोहर लाल संत श्याम लाल अमेरिका से संत नरेश लाल ब्यावर से संत शंभू लाल , चेन्नई से संत जीतू राम जलगांव से संत परसराम कानपुर से संत भोलाराम, गांधीधाम से संत कमल, हरिद्वार से संत हिमांशु, डबरा से संत छोटू राम, दिल्ली से भगत दीपक, कोटा के लखमी चंद कव्वाल, जयपुर से भगत जीतू राम एवम अन्य सभी संत महात्माओं द्वारा अनंत प्रकार से गुरुदेव के उपकारों एवं ओजस्वी जीवन पर प्रकाश डाला। श्रीअमरापुरा स्थान जयपुर के व्यवस्था संत मोनूराम महाराज ने बताया कि महापुरुषों के द्वारा चलाई गई परंपरा को कायम रखते हुए! *भजन, सेवा, सत्संग, सुमरन भक्ति के अनूठे संगम का पूर्ण उद्देश्य ही चैत्र मेला है !! सेवा , सुमरन करके मानव अपने मनुष्य जीवन को सफल व सार्थक बनाएं। मेले के अवसर पर आज मंगलवार जयपुर के संत महात्माओं का विशाल भोज का आयोजन किया गया। जिसमे सैकड़ों संत महंतो ने भोजन प्रसादी ग्रहण की !! इस पंच दिवसीय महाकुंभ का समापन 26अप्रैल शुक्रवार के दिन प्रातः काल की वेला में गुरु महाराज जी द्वारा पल्लव पाकर किया जाएगा।

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