सेवा सिमरन भजन का अनूठा संगम है आध्यात्मिक चैत्र मेला।

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प्रेम प्रकाश ग्रंथ की वाणी है सब ग्रंथो का सार:- स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज सत्संग, सेवा, सिमरन भजन का अनूठा संगम है, आध्यात्मिक चैत्र मेला जयपुर। छोटी काशी गुलाबी नगरी जयपुर में आस्था के केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर में प्रेम प्रकशियो के103 वे महाकुंभ चैत्र मेंले के अन्तर्गत पूज्य गुरुदेव सतगुरू स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज द्वारा आपनी अमोलक वाणी का रसपान करवाते हुए बताया कि आचार्य श्री सद्गुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज की अमोलक वाणी श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब सब सुखों का आधार है, सब ग्रंथों का सार है !! इस ग्रंथ साहिब की वाणी के पठन एवं श्रवण मात्र से मन शीतल हो जाता है एवं जीवन की सभी समस्याओं का हल हमें इसके अंदर मिल जाता है, इसलिए जितना अधिक से अधिक हो सके हमें प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब की वाणी का पठन एवं श्रवण जरूर करना चाहिए।
श्री अमरापुरा स्थान जयपुर के व्यवस्थापक संत श्री मोनू राम जी महाराज ने बताया कि 800 पृष्ट्रीय श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब में भजन, पद्य, श्लोक माला, दोहावली , छन्दावली, कवितावली, ब्रह्मदर्शनी आदि का समावेश है। संतों ने बताया कि चैत्र मेंले के उपलक्ष में आए हुए सभी संत, महात्माओं, गुणीजनों द्वारा पवन ग्रंथ साहिब की वाणी के द्वारा ही गुरुदेव की महिमा का बखान किया जा रहा है। प्रेम प्रकाशियो के सुख दुख का साथी श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब है ग्रंथ साहिब के अंतर्गत निकले वचन वास्तव में हमारे मन के अंदर चल रहे विचार होते हैं,जिनका उत्तर हमें ग्रंथ साहिब में मिल जाता है। संतो ने बताया कि गुरुवार 25 अप्रैल के दिवस पर भगवान लक्ष्मी नारायण, लड्डू गोपाल जी, श्री गुरु महाराज की प्रतिष्ठाओं, श्री विग्रहों का प्रातःकाल 5.30 बजे विधिवत पूजन,अर्चन, अभिषेक किया जाएगा । हाजरा हजूर सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश महाराज एवम पूज्य संत मंडल द्वारा संतो ने बताया कि *सत्संग, सेवा, सिमरन, भजन का अनूठा संगम है, चैत्र मेला।नाम जाओ भजन करके अपने मानव जीवन को सफल बनाएं!गुरु महाराज जी की विधिवत पूजा अर्चना कर नवीनतम पोशाक धारण कराई जाएगी शुक्रवार 26 अप्रैल को प्रातः से 7 भजन सत्संग, प्रार्थना, एवम श्री गुरु महाराज जी पल्लव प्रार्थना करके चैत्र मेला उत्सव को समापन करेंगे।उत्सव में प्रतिदिन लाखो भक्त दर्शन सत्संग, भजन भोजन प्रसाद का लाभ ले रहे है। श्री मंदिर, समाधि स्थल, भगवान लक्ष्मी नारायण, लड्डू गोपाल , अमरापुरेश्वर आदि मंदिर में प्रतिदिन हो रहा ऋतु पुष्पों से विशेष श्रृंगार।

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