प्रदेश की 15 प्रमुख मंडियों से भी ज्यादा सुमेरपुर की डीएलसी दरें
-केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने सीएम को कराया अवगत
– मुख्यमंत्री ने डीएलसी दरें घटाने का दिया आश्वासन
जयपुर, 06 सितंबर। पाली जिले की सुमेरपुर कृषि उपज मंडी एकमात्र ऐसी मंडी है जिसके भूखंडों की डीएलसी की दरें राज्य की प्रमुख 15 मंडियों से कहीं ज्यादा है। हैरानीजनक बात ये है कि मंडी के गेट से बाहरी परिधी में डीएलसी की दरें मंडी से आधी भी नहीं है। इस बड़े अंतर के कारण मंडी के व्यापारी दुकानों की क्रय-विक्रय की रजिस्ट्री कराने की बजाय एग्रीमेंट करके ही व्यापार कर रहे हैं। इससे राज्य सरकार को राजस्व को कोई राजस्व नहीं प्राप्त हो रहा है। कृषि मंडी की डीएलसी दरें घटाने की मांग को लेकर स्थानीय विधायक व पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को अवगत कराया है। इस पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने जल्द ही इसमें संशोधन कर सुमेरपुर कृषि मंडी की डीएलसी दर कम करने का आश्वासन दिया।
16 प्रमुख मंडियों में से डीएलसी दरें सर्वाधिक
मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बताया कि सुमेरपुर की महाराजा उम्मेद सिंह कृषि उपज मंडी समिति की डीएलसी दरें 4776 रुपए प्रति वर्ग फीट है। वहीं, मुख्य मंडी बालोतरा की डीएलसी दर 621 रुपए प्रति वर्ग फीट, बाड़मेर मंडी की 1750 रुपए, भगत की कोठी की 3564 रुपए, बिलाड़ा की दर 3765, जैसलमेर मंडी की दर 1990, जैतारण की 2376, जालोर की 2459, जोधपुर फल-सब्जी व अनाज मंडी की दर 3618, पाली मंडी की 3464, फलोदी मंडी की 2247 रुपए, पीपाड़ शहर मंडी की दर 3564, रानी स्टेशन मंडी की दर 2710 रुपए, सांचोर मंडी की दर 2491 रुपए, मुख्य मंडी सोजत रोड की दर 825 रुपए वर्ग फीट है।
उन्होंने बताया कि सुमेरपुर मंडी परिसर के बाहर जवाई बांध रोड जो कि व्यवसायिक मार्केट है, उसकी डीएलसी दरें 2393 रुपए प्रति वर्ग फीट मुख्य मंडी प्रांगण के बाहर आर्य समाज से भुवनेश्वरी मंदिर तक है। इस प्रकार मंडी परिसर के बाहर 20 फीट दूरी पर ही मंडी परिसर से आधी डीएलसी दरें हैं। इस कारण व्यापारी दुकानों के क्रय-विक्रय की रजिस्ट्री नहीं कराते हैं तथा एग्रीमेंट करके ही व्यापार कर रहे हैं। रजिस्ट्री नहीं होने से राज्य सरकार को पिछले 40 साल से राजस्व प्राप्त नहीं हुआ है।
कृषि मंडियों में अन्य व्यापार के लिए मिले प्रोत्साहन
केबिनेट मंत्री श्री कुमावत ने बताया कि कृषि मंडी से बाहर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सभी प्रतिष्ठानों में सभी तरह की जिन्सों का व्यापार करने की छूट रहती है, लेकिन कृषि उपज मंडी में फिर कृषि जिन्सों के व्यापार की ही अनुमति है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि व्यापारियों को प्रोत्साहन देने के लिए मंडी की दुकानों में भी अन्य व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी जाए। श्री कुमावत ने मंडियों में रियायती दरों पर दुकानों का आवंटन करने की मांग भी की है।
आपको बता दें कृषि उपज मंडी व्यापार संघ लंबे समय से मंडी परिसर के अंदर की डीएलसी दरें घटाने की मांग कर रहा है। कृषि उपज मंडी समिति ने भी जिला कलेक्टर पाली को कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं। यही नहीं इस मांग को लेकर श्री जोराराम कुमावत ने भी अपने पिछले विधायक कार्यकाल में कई बार विधानसभा में भी यह मुददा उठाया था।