मुख्यमंत्री ने विप्र फाउंडेशन की ओर से निर्मित श्री परशुराम ज्ञानपीठ का किया उद्घाटन

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_*श्री परशुराम ज्ञानपीठ का उद्घाटन*_

*प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन से सामाजिक सरोकार के कार्यों को मिला बढ़ावा*

*राज्य सरकार किसान, महिला, गरीब और युवा के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध*

*बिजली, पानी, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में उठाए महत्वपूर्ण कदम*

– मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा

– मुख्यमंत्री ने विप्र फाउंडेशन की ओर से निर्मित श्री परशुराम ज्ञानपीठ का किया उद्घाटन

जयपुर, 06 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को अग्रणी और विकसित बनाने के लिए हमारी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय संकल्पना को साकार करते हुए अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पूर्ण प्रतिबद्धता से योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है।

श्री शर्मा ने शनिवार को मानसरोवर के शिप्रा पथ पर विप्र फाउंडेशन की ओर से निर्मित श्री परशुराम ज्ञानपीठ (सेंटर फॉर एक्सीलेंस एण्ड रिसर्च) भवन का उद्घाटन किया तथा जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम ने हमें सिखाया है कि जब भी सत्य और न्याय की शक्ति एक होती है, तो वह ज्ञान और संस्कारों का नया प्रकाश फैलाती है। यह संस्थान शिक्षा और संस्कार की गंगा बहाने के साथ ही सनातन संस्कृति और वैदिक ज्ञान का संवर्धन करेगा। साथ ही, विद्या, संस्कार और सेवा की त्रिवेणी के रूप में सम्पूर्ण समाज को दिशा भी देगा।

*महत्वपूर्ण योजनाओं से पूरी होगी प्रदेश की जल आवश्यकता*
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आमजन से किए गए वादों को पूरा किया जा रहा है। प्रदेश के आमजन की जल आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए राम जलसेतु लिंक परियोजना, यमुना जल समझौता जैसे महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर और गंगनहर के लिए बजट उपलब्ध कराया गया है। उदयपुर में देवास परियोजना के तहत टनल और एनिकट के निर्माण से जल उपलब्धता को बढ़ाया गया है। साथ ही, प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान के तहत प्रदेश के हजारों गांवों में जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण करवाया जा रहा है।

*प्रदेश का किसान अन्नदाता के साथ ही बनेगा ऊर्जादाता*
श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। अब हमारा किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेगा। उन्होंने कहा कि गत वर्ष राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया गया, जिसमें 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश का युवा पेपरलीक का दंश झेल रहा था। तब हमारी सरकार ने आते ही पेपरलीक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। युवाओं से किए वादे को पूरा करते हुए पांच साल में 4 लाख सरकारी नौकरी दी जाएंगी।

*प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों में आया सकारात्मक परिवर्तन*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों में आए परिवर्तन को सभी ने देखा है। वहीं, प्रधानमंत्री के विजन से विभिन्न अभियानों के तहत सामाजिक सरोकार के कार्य भी किए जा रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और एक पेड़ मां के नाम अभियान से देश में सकारात्मक परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भी प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए पिछले वर्ष साढ़े सात करोड़ पौधारोपण किया और इस वर्ष 11 करोड़ से अधिक पौधारोपण किया जा चुका है।

श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में गौशालाओं को मिलने वाला अनुदान बढ़ाया है। हमारी सरकार किसान, महिला, युवा और गरीब के कल्याण लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी आमजन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए हर जरूरतमंद व्यक्ति तक केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहयोग करें।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा, राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, विधायक श्री गोपाल शर्मा, श्री जेठानंद व्यास, श्री ताराचंद सारस्वत, श्री बालमुकुन्दाचार्य, विप्र फाउंडेशन के श्री राधेश्याम शर्मा, श्री सुशील ओझा, संत श्री प्रकाश दास जी महाराज सहित गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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