अच्छे विचार सच्चे विचार। लेखीका रेखा धनकानी ,, कहते हैं कि जब हमारे इष्ट मित्र या हमारे सगे संबंधी या हमारे रिश्तेदार इत्यादि जब बीमार होते हैं। तब हमें सब कुछ मालूम होते हुए भी अगर हम उनसे मिलने नहीं जाते तो उनके जाने के पश्चात हमारे पास सिर्फ और सिर्फ पछतावा ही रह जाता है। काश.. काश हम उनसे मिल लेते। इसलिए हमारा यह मानना है कि समय-समय पर सब से मिलते रहिए। क्योंकि यह जीवन बहुत ही छोटा। इसलिए सभी से प्रेम करें। मिलते मिलते रहिए। और सबसे मेलजोल बनाए रखिए। यही जीवन का सार है।
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