निर्जला एकादशी के बारे में खास जानकारी। रेखा धनकानी

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निर्जला एकादशी का महत्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी निर्जला एकादशी पर किया गया व्रत, अनुष्ठान बेहद फलदायी है। इस दिन किए गए पूजन व दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्रप्ति होती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाने वाली सभी एकादशी व्रत में निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन होती है। अगर आप साल की 24 एकादशी का व्रत नहीं पाते तो इस एक व्रत को करने मात्र से ही आप सारा पुण्य कमा सकते हैं। सभी एकादशियों पर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान विष्णु की पूजा करते हैं व उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने, पूजा और दान करने से व्रती जीवन में सुख-समृद्धि का भोग करते हुए अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है। लेकिन इन सभी एकादशियों में से एक ऐसी एकादशी भी है जिसमें व्रत रखकर साल भर की एकादशियों जितना पुण्य कमाया जा सकता है। यह है ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी। इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है।

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