अच्छी बातें सच्ची बातें। लेखिका रेखा धनकानी,,, कहते अक्सर हम दूसरों की बुराइयां जल्दी देख लेते हैं। उस आदमी के बच्चे ऐसे हैं। उस रिश्तेदार के बच्चे ऐसे हैं। वह लोग कैसे हैं। इत्यादि इत्यादि हम बातें करते रहते हैं। पर क्या कभी हमने अपने घर में झाककर देखा है। ही हम कैसे हैं हमारे बच्चे कैसे हैं हमारा स्वभाव दूसरों के प्रति कैसा है। दूसरों की कमियां निकालने से पहले एक बार अपना एवं अपने परिवार आचार विचार अवश्य देखें। उसके पश्चात ही दूसरों की निंदा करें। राधे राधे।
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