श्री अमरापुर स्थान जयपुर कार्तिक उत्सव सम्पन्न।

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जयपुर भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ कार्तिक महोत्सव‌ आस्था के महा समुंदर में 20 हजारों से अधिक भक्तों ने लगाई संकीर्तन गंगा में डुबकियां‌ जय जय राधा रमण हरि बोल प्रभु श्री राम जय राम जय जय राम ॐ नमः शिवाय सतनाम साक्षी सदा बोल प्यारे आदि संकीर्तन हुए नन्हे नन्हे बच्चों द्वारा भगवान के विग्रह स्वरूप धारण सभी भक्तो का मन मोह लिया जयपुर। आस्था के केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर पर 15 दिन से चल रहे कार्तिक उत्सव का समापन पूर्ण भक्ति भाव से साथ संपन्न हुआ। कार्तिक पूर्णिमा के पावन दिन पर प्रातः 6:00 से 7:00 बजे तक हरि नाम संकीर्तन यात्रा (प्रभात फेरी) मंदिर परिसर में निकाली गई, तत्पश्चात नित्य नियम के अनुसार प्रार्थना श्रीमद् भागवत गीता ,कार्तिक मास की कथा, श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब के पाठों का भोग परायण हुआ एवं संत महात्माओं के द्वारा सत्संग प्रवचन किए गए । देव दिवाली एवम कार्तिक की महिमा के बारे में बताया गया! श्री अमरपुर दरबार जयपुर के व्यवस्थापक संत श्री मोनूराम जी महाराज ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर परिसर के अंतर्गत प्रातः 6 से 7 बजे तक प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महा संकीर्तन की गंगा में डुबकी लगाई। नन्हे नन्हे बच्चों द्वारा भगवान के विग्रह स्वरूप धारण कर प्रतिदिन संकीर्तन यात्रा में भक्तों को दर्शन दिए, ऐसेअद्भुत दृश्यों से भक्तों का मन हर्षित हो उठा। संतों ने बताया कि कार्तिक उत्सव के अंतिम पांच दिन (एकादशी से पूर्णिमा तक ) जिसे भीष्म पंचक दिवस कहा जाता है के उपलक्ष में श्री अमरापुर मंदिर के अंदर श्रद्धालु द्वारा दीपक जलाए गए , जिनका आज सांयकाल पारायण विसर्जित किए गए!झांकी के अंतर्गत भाग लेने वाले सभी नन्हे नन्हे बच्चों को संतो द्वारा आशीर्वाद रूपी पुरस्कार शनिवार को दिए जायेंगे ।कार्तिक मास की पूर्णाहुति के अवसर पर सत्यनारायण की कथा का श्रवण हुआ और आम भंडारे के अंतर्गत हजारों की तादाद में भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की!शाम को देव दिवाली पर मंदिर परिसर में दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

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