श्री अमरापुर दरबार में श्री हरि नाम सकीर्तन।

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श्री अमरापुर स्थान जयपुर एकादशी पर हुआ हरि नाम संकीर्तन एकादशी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है : संत श्री मोनूराम जी महाराज हरि नाम संकीर्तन से होता है पापों का नाश जयपुर। आस्था के पावन केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर में कामिका एकादशी के पावन दिवस पर संत महात्माओं द्वारा एकादशी का महत्तम बताया गया एवं संकीर्तन किया गया । बुधवार को एकादशी की गोधूलि वेला में संतों ने बताया कि श्री हरि की प्रिय एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति के मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है । इस दिन हरि नाम संकीर्तन करने से मनुष्य के सहस्त्र कोटी पाप कट जाते हैं एवं भगवान हरि की कृपा से जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है। आगे संतो ने बताया भगवान हरि की प्रिया तुलसी को पूजन में जरूर अर्पित करना चाहिए।संतो द्वारा हरि बोल , हरि बोल ,हरे रामा हरे कृष्णा,ओम नमो भगवते वासुदेवाय , हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे आदि नामो का उच्चारण कर संकीर्तन किया गया। संकीर्तन में स्वामी मनोहर लाल जी महाराज, संत नवीन जी संत हरीश जी संत गुरुदास जी आदि संत महात्मा उपस्थित रहे।आरती संकीर्तन के बाद भक्तो को खीर प्रसाद प्रसाद भोग लगाकर वितरण किया गया।इसी के साथ आज बुधवार “कामिका एकादशी” के पावन पर्व पर संतो ने मानसरोवर स्थित *सदगुरु टेऊंराम गौशाला* में गौ माता को फल, हरी हरी घास, आदि की सेवा की।

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