पापडेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों को रोका। कहीं यह भू माफिया तो नहीं?

Listen to this article

पापड़ वाले हनुमानजी के पीछे स्थित प्राचीन पापड़ेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की आस्था पर पहरा
सफारी संचालन के नाम पर मंदिर जाने पर रोक, सड़क पर भजन-कीर्तन को मजबूर हुए श्रद्धालु
जयपुर। विद्याधर नगर की अरावली पर्वतमालाओं में स्थित पापड़ेश्वर महादेव मंदिर हजारों वर्षों से श्रद्धा और आस्था का केंद्र रहा है। पापड़ वाले हनुमान जी मंदिर के पीछे बसे इस प्राचीन शिवधाम में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। मंदिर का शांतिपूर्ण और सकारात्मक वातावरण भक्तों के मन को शांति और उल्लास से भर देता है। प्रतिदिन महादेव का विशेष श्रृंगार होता है, आरती और भजन-कीर्तन की गूंज गूंजती है, लेकिन अब यही आस्था प्रशासनिक फैसलों की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।भक्ति पर लगा ‘सफारी’ का पहरा
हाल ही में क्षेत्र में ‘सफारी संचालन’ के नाम पर मंदिर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया है। भक्तों के अनुसार उन्हें अब मंदिर तक नहीं जाने दिया जा रहा, जिसके चलते कई श्रद्धालु रास्ते में ही रुककर भजन-कीर्तन करने को मजबूर हैं।
ना नेता सुन रहे, ना अफसर
श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने कई बार इस विषय पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से बात की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। न तो कोई स्पष्ट जवाब मिल रहा है और न ही मंदिर जाने की अनुमति। भक्तों की पीड़ा यही है कि जहां वर्षों से वे शांति, श्रद्धा और भक्ति के साथ महादेव की सेवा कर रहे थे, वहीं अब उन्हें रोका जा रहा है।”क्या अब शिवभक्ति भी अनुमति से होगी?”श्रद्धालुओं ने प्रशासन से सवाल किया है कि क्या अब भगवान के दर्शन और भक्ति करने के लिए भी अनुमति लेनी होगी? क्या आस्था पर भी सरकारी नियंत्रण चलेगा? भक्तों ने प्रशासन से मांग की है कि मंदिर तक का रास्ता जल्द से जल्द खोला जाए और उनकी आस्था के साथ हो रहे इस खिलवाड़ को रोका जाए। अरावली की पहाड़ियों में बसा है पापड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रतिदिन सुबह-शाम होता है महादेव का विशेष श्रृंगार और भजन-कीर्तन अब सफारी जोन घोषित क्षेत्र के चलते रास्ता बंद “हम कोई मांग नहीं कर रहे, सिर्फ भगवान के दर्शन करने देना हमारा हक है।”

(Visited 17 times, 17 visits today)