(सदगुरू टेऊंराम जयंती आज) जयपुर। प्रेम प्रकाश मंडल के संस्थापक आचार्य श्री सतगुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज के 137 वे जन्मोत्सव के उपलक्ष पर संत श्री मोनू राम जी महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि *जगत के कल्याण के लिए संत महात्मा मनुष्य देह धारण करके धरती पर अवतरित होते हैं। जीवो का कल्याण करना, सद्मार्ग पर उनको प्रेषित कर उनका उद्धार करना संतों का कार्य होता है।* संत मोतियों की माला के स्वरूप होते हैं जो समाज को सदैव जोड़े रखते हैं उन मोतियों की माला में आचार्य श्री सद्गुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज मनुष्य चोला धारण कर जगत के कल्याण के लिए अवतरित हुए, अपने ज्योति से उन्होंने जीवो का उद्धार किया । आचार्य श्री ने हिंदू सनातन धर्म की पताका विश्व भर में फैराई और श्री प्रेम प्रकाश पंथ की स्थापना की। उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं दोहे, छंद, पद इत्यादि का समावेश श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब में समावेशित है जिसके पढ़ने और सुनने से जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है!सदगुरू टेऊंराम जयंती आऐ थे अमर देश से स्वामी टेंऊराम “*संतो ने बताया कि 23 जून शुक्रवार के दिन पंच दिवसीय जन्मोत्सव का समापन होगा। *शुक्रवार २३के दिन प्रातः 7:00 बजे अखंड ज्योत प्रज्वलित की जाएगी, तुलसी पत्र का सेवन कर चलिए व्रत का समापन किया जाएगा तत्पश्चात प्रार्थना ,संत महात्माओं का सत्संग, श्रीमद्भगवद्गीता एवं श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब के पाठ का भोग परायण , 137 किलो लड्डुओं के महा प्रसादी का भोग एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।* सांय काल के समय 4:00 से 7:00 बजे तक चालीसा का पाठ, भजन सत्संग,137 दीप प्रज्वलित, आकर्षक रंगोली एवं बच्चों के द्वारा नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी।
संत समाज सुधारक और जीवों के उदारक होते हैं: संत श्री मोनू राम जी महाराज।
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