हरिद्वार में सदगुरू स्वामी सर्वानंद जन्मोत्सव संपन्न

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तीर्थ नगरी हरिद्वार में सदगुरू स्वामी सर्वानंद जन्मोत्सव संपन्न दे दो प्रभु मुझे गंगा किनारा जयपुर :- जिस गंगा के किनारे के लिए ऋषि मुनि देवता मनुष्य सभी के मन में चाहत होती है की इस दुर्लभ देहि में एक बार हमें उस पावन मां गंगे का द्वार मिल जाए जिसे पाकर हम अपना यह जीवन सफल कर सके. उस पावन तपोभूमि जहां पर योगीराज सद्गुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज ने योग और तप से अपने जीवन का निर्वाह किया था उसी देवभूमि हरिद्वार में महर्षि सद्गुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज का 127 वां पावन जन्मोत्सव सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज की पावनअध्यक्षता में 24से 28 अक्टूबर तक श्री प्रेम प्रकाश आश्रम भूपतवाला हरिद्वार में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया देश और विदेश से आए हुए सभी संत महात्माओं ने सदगुरु महाराज के पावन जीवन चरित्र पर अमृत वर्षा की साथ ही साथ मां गंगे का गुणगान किया एवं आए हुए सभी प्रेमियों को इस देवभूमि हरिद्वार के बारे में बताया और कहा कि इस पावन भूमि जहां देवताओं का वास है और मां गंगे का पावन उद्गम स्थल है हम सभी गुरु महाराज जी के जन्मोत्सव के मेले में यहां आए हैं तो एक प्रण ले की अपने जीवन को मां गंगे की तरह निर्मला और पवित्र बनाएंगे 24 अक्टूबर मगंलवार के दिन प्रात काल से ही मौज और आनंद हरिद्वार की पावन भूमि पर छाया हुआ था चारों और खुशहाली का माहौल था श्रीमद्भागवत गीता एवं श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथों के पाठों का आरंभ ,हवन एवं धर्म ध्वजा फहरा कर गुरु महाराज ने सतगुरु महाराज के जन्म उत्सव के प्रारंभ होने की सभी को अनंत अनंत बधाइयां दी पांचो ही दिन सत्संग प्रवचन एवं गुरु महाराज का आशीर्वाद मानो ऐसा लग रहा था कि सुख शांति वैभव इस धरा पर उतरकर आ गए हैं. शुक्रवार का दिन जो कि एक अपने आप में अलौकिक दिन प्रतीत हो रहा था वह दिन तो आस्मरणीय हो गया है. एक शाम गंगा किनारे सद्गुरु स्वामी सर्वानंद महाराज के नाम. उस दिन तो यह लग रहा था कि है कि सतगुरु महाराज स्वयं इस धरा पर अवतार लेकर हम जीवो को आशीर्वाद देने आ गए हैं. हरिद्वार नगरी अयोध्या नगरी के स्वरूप रोशनीमय हो गई थी और सभी प्रेमियों के मुख से एक ही मंत्र निकल रहा था मेरे प्यारे गुरुदेव की जय मनाओ
और अंत में दिन आ गया था उत्सव के समापन का। प्रातः काल के समय सतगुरु महाराज जी ने पल्लव पाकर उत्सव का समापन किया एवं सभी प्रेम प्रकाशीय को मेले के सुख से संपन्न होने की अनंत अनंत बधाई दी एवं सेवा धारियों को उनकी सेवा के लिए आशीर्वाद दिया एवं आगे भी इसी तरह गुरु महाराज के चरणो में अपनी निष्काम सेवा को निर्वाह करते रहने का संदेश दिया
सतनाम साक्षी।

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