चुरु पुलिस की बड़ी कार्रवाई भैंसली गांव में हुई तीन मौतों व रहस्यमयी आग लगने की घटना का किया खुलासा पिता ही निकला अपने दोनों मासूम बच्चों व दादी का कातिल जयपुर/चूरू, 26 मार्च। चूरू जिले के हमीरवास थाना इलाके के भैंसली गांव में हुई दो मासूम बच्चों व एक बुजुर्ग की मौत व रहस्यमयी आग लगने की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बुजुर्ग दादी और दोनों बच्चों की हत्या उनके पिता भूप सिंह जाट पुत्र सुमेर सिंह (32) द्वारा ही जहर देकर की गई थी और सहानुभूति पाने व घटना को छुपाने के लिए आरोपी ही सोडियम से घर में आग लगा रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।यह है घटनाक्रम एसपी जय यादव ने बताया कि 10 मार्च को एसएचओ हमीरवास मदनलाल बिश्नोई को सूचना मिली कि भैंसली निवासी भूप सिंह के मकान में करीब 5-6 दिनों से अज्ञात कारणों से आग लग रही है। सूचना पर वे तुरंत एफएसएल यूनिट प्रभारी के साथ मौके पर पहुंचे। निरीक्षण कर मकान में जली हुई चीजों को जब्त किया गया। पूछताछ में पता चला कि भूप सिंह की दादी किस्तूरी देवी की 31 जनवरी एवं दो बच्चों 4 वर्षीय गर्वित की 13 फरवरी और 8 वर्षीय अनुराग की 28 फरवरी को सन्दिग्ध परिस्थितियों में एक महीने के दौरान ही मौत हो गई।
13 मार्च को मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की गई अज्ञात वजह से आग लगने की घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। इसी बीच 13 मार्च की सुबह एक बार फिर पशु चारे में आग लग गई। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो भूप सिंह और उसके परिजनों ने टीम पर हमला कर सरकारी गाड़ी में तोड़फोड़ की। पुलिस अधिकारियों व गांव के मौजिज व्यक्तियों की समझाइश के बाद तीनों सन्दिग्ध मौत के संबंध में मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की गई। मौत और रहस्यमयी आग की जांच पुलिस के लिए बनी चुनौती अज्ञात वजह से आग लगने और तीन मौतों के कारण गांव के लोगों में तांत्रिक शक्तियों में विश्वास करने से भय का माहौल पैदा हो गया। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल के निर्देशन व सीओ प्रशांत किरण आईपीएस के सुपरविजन में घटना की वैज्ञानिक तरीके से जांच के लिए एसएचओ हमीरवास मदनलाल बिश्नोई के नेतृत्व में टीम गठित की गई। सन्दिग्ध मौतों की गुत्थी सुलझाना एवं आग लगने के अज्ञात कारणों का पता लगाने के साथ ग्रामीणों में फैले अंधविश्वास को दूर करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था। मृतक बच्चे गर्वित के विसरा को जांच के लिये एफएसएल भेजा इन कारणों का पता लगाने के लिए मृतक बच्चे गर्वित के दफनाए गये शव को जमीन से बाहर निकलवा मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया एवं विसरा एफएसएल में परीक्षण के लिए जमा करवाए गए। आसूचना एकत्रित करने के दौरान पुलिस को पता चला की भूप सिंह की मेडिकल की दुकान है और उसने जीएनएम का कोर्स भी कर रखा है। पहले भगवानी देवी अस्पताल राजगढ़ में कंपाउंडर का कार्य करता था। रिपोर्ट में बार्बीट्यूरेट (Barbiturate) ड्रग मिली पुलिस जाब्ता तैनात होने के बाद आग लगना भी बंद हो गई थी। इसी दौरान गर्वित के विसरा रिपोर्ट एफएसएल से प्राप्त हुई, जिसमें बार्बीट्यूरेट (Barbiturate) ड्रग मिली। भूप सिंह की भूमिका सन्दिग्ध पाए जाने पर राउंडअप कर पूछताछ की गई। पूछताछ में घटना का खुलासा हो गया। इस पर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पत्नी के चरित्र पर शक के कारण बच्चों से करता था नफरत पुलिस पूछताछ में सामने आया कि भूप सिंह को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। इस वजह से उसे शक था कि गर्वित और अनुराग उसके अपने बच्चे नही है। इस वजह से उसने अपने बच्चों की हत्या की योजना बनाई। किसी को शक ना हो इसके लिए सबसे पहले 31 जनवरी को अपनी दादी किस्तूरी देवी को खांसी की दवाई में जहर देकर मार दिया। उसके बाद 13 फरवरी को गर्वित को और 28 फरवरी को अनुराग को जहर देकर मार दिया। हत्या को छुपाने शांति प्राप्त करने सोडियम से लगा रहा था आग हत्याओं की घटना को छुपाने और गांव के लोगों से सहानुभूति प्राप्त करने आरोपी ने अपने ही मकान में सोडियम से आग लगाना शुरू कर दिया। आग और मौत तंत्र विद्या से होना बता कर सहानुभूति प्राप्त भी कर ली। पुलिस ने मकान से जली हुई चीजों को जप्त कर परीक्षण के लिए एफएसएल भेजा तो राज खुलने के डर से आरोपी ने परिवार के लोगों को उकसा कर पुलिस टीम पर हमला करवा दिया। कड़ी से कड़ी जोड़कर गुत्थी सुलझाई सीओ प्रशांत किरण आईपीएस के निर्देशन में एसएचओ हमीरवास मदनलाल बिश्नोई, उपनिरीक्षक फरमान, कांस्टेबल दिनेश, रवि व सवित द्वारा गुप्त सूचनाओं का संकलन कर कड़ी से कड़ी जोड़कर तीन निर्दोष लोगों की हत्याओं की और रहस्यमई आग की गुत्थी सुलझाई गई। इस कार्रवाई में कांस्टेबल दिनेश व रवि की विशेष भूमिका रही।
पिता ही निकला कातिल।
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