सावन के आखिरी सोमवार पर भगवान शिव के साथ करें भगवान विष्णु की भी आराधना

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सावन का आखिरी सोमवार को देवाधिदेव महादेव के साथ-साथ भगवान श्रीविष्णु जी की भी पूजा का बन रहा है उत्तम संयोग:- बाबा-भागलपुर

भागलपुर, बिहार। सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। भगवान शिव सभी दुखों को हरने वाले हैं, यही कारण है कि उनके लिए हर हर महादेव कहा जाता है। सावन सोमवान में जो लोग विधि और श्रद्धाभाव से व्रत-पूजा करते हैं, भगवान भोलेनाथ उनके कष्टों को अवश्य ही दूर करते हैं।
इस सम्बन्ध में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पं. आर. के. चौधरी उर्फ बाबा-भागलपुर, भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने सुगमतापूर्वक बतलाया कि:- पंचांग के अनुसार सावन का आखिरी सोमवार 08 अगस्त 2022 को इस दिन एक नहीं कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। आखिरी सोमवार को श्रावण यानी सावन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन संतान के लिए व्रत रखकर भगवान विष्णु से उन्नति, संपन्नता की कामना की जाती है यानी इस दिन भगवान शिव के साथ साथ विष्णु जी की भी पूजा का उत्तम संयोग बना है।
सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। शिव सभी दुखों को हरने वाले हैं। यही कारण है कि उनके लिए हर हर महादेव कहा जाता है। सावन सोमवान में जो लोग विधि और श्रद्धाभाव से व्रत-पूजा करते हैं, भगवान भोलेनाथ उनके कष्टों को अवश्य ही दूर करते हैं।
पंचांग के अनुसार सावन का आखिरी सोमवार 8 अगस्त 2022 को है। इस दिन एक नहीं कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं, जो इस दिन के धार्मिक महत्व को बढ़ा रहे हैं।
आखिरी सोमवार को श्रावण यानी सावन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन संतान के लिए व्रत रखकर भगवान विष्णु से उन्नति, संपन्नता की कामना की जाती है। यानी इस दिन भगवान शिव के साथ साथ विष्णु जी की भी पूजा का उत्तम संयोग बना है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार शुभ और मांगलिक कार्यों को करने के लिए अभिजीत मुहूर्त को उत्तम माना गया है। 8 अगस्त 2022 को अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
सावन का संपूर्ण महीना भगवान शिव को समर्पित है। भगवान भोलेनाथ सबसे जल्द प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को जल मात्र के अभिषेक से भी प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन सच्चे मन से गंगाजल से अभिजीत मुहूर्त में भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं तथा जलाभिषेक करते समय इस मंत्र का जाप अवश्यक करें- ऊँ नमः शिवाय।।

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