सिंधी शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

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*सिन्धी शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न*
किसी भी समाज के साहित्य,संस्कृति व कला के संरक्षण व संवर्द्धन हेतु आवश्यक है कि उस समाज की भाषा व बोली का ज्ञान नई पीढ़ी को भी हो,इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए
म.प्र.सिन्धी साहित्य अकादमी द्वारा प्रदेश के विभिन्न शहरों में सिन्धियत की पाठशाला का आयोजन किया जाएगा,इस पाठशाला में बालक बालिकाओं को सिन्धी भाषा का ज्ञान देने के लिए दो दिवसीय सिन्धी शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।अकादमी के निदेशक राजेश कुमार वाधवानी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला में इंदौर,भोपाल, खंडवा,उज्जैन, नर्मदापुरम, विदिशा,इटारसी,सागर, जबलपुर,बैतूल,छतरपुर,डबरा,
टीकमगढ़ व सुल्तानपुर से आए हुए युवक युवतियों को सिन्धी भाषा के जानकार तथा वरिष्ठ साहित्यकार खीमन यू मूलाणी, बलू चोइथानी,भगवान बाबानी व नन्दकुमार सनमुखानी ने 21 व 22 मई को आयोजित इस कार्यशाला में कुल 11 विभिन्न सत्रों में सिन्धी वर्णमाला,मात्राओं का उपयोग, उपयोग,शब्द मिलान,वाक्य विन्यास और सिन्धी अंकों की जानकारी देने के साथ ही शरीर के अंग,फल व फूल,सब्जियां,खाद्य पदार्थ, रंग,परिधान, सिन्धी पर्व परम्परा,रिश्ते नातों की जानकारी दी,साथ ही सिन्धी कला व संस्कृति से जुड़े वाद्य यंत्रों के बारे में भी विस्तार से बताया। लालघाटी स्थित एक निजी होटल के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में शामिल शिक्षकों द्वारा अकादमी के सहयोग से अपने अपने शहर में युवा पीढ़ी को सिन्धी भाषा का आधारभूत ज्ञान देने के 15 दिवसीय सिन्धियत की पाठशाला का आयोजन किया जाएगा।

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