हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान श्री झूलेलाल (वरुण देव-विष्णु अवतार ) के अवतरण दिवस चैत्र शुक्ल द्वितीया (दौज ) श्री झूलेलाल सरकार के जन्मोत्सव का भव्य आयोजन प्राचीन सिद्धपीठ श्री झूलेलाल वरुण देव जी की तपोभूमि पावन नंगली धाम, साँप की नंगली, सोहना, जिला गुरुग्राम हरियाणा मे दिनांक 10 अप्रैल 2024 दिन बुधवार को किया जा रहा है सिद्धपीठ के पीठाधीशवर महंत लोकेश भगत ने बताया है कि भगवान झूलेलाल वरुण देव का जन्मोत्सव उनकी पावन तपोभूमि पर भव्य रूप मे मनाया जायेगा जिसकी शुरुआत सुबह 8 बजे कलश यात्रा के साथ की जाएगी जिसमे भगवान झूलेलाल वरुण देव जी को ढ़ोल-बाजो के साथ उनकी तपोभूमि का भ्रमण कराया जायेगा और तपोभूमि स्थान पर झूले (पालना ) मे विराजमान किया जायेगा तत्पश्चात सुबह 9 बजे हवन पूजा की जाएगी और 10 बजे कन्या पूजन व भोज कराकर भंडारा शुरू किया जायेगा जो शाम तक चलेगा शाम 5 बजे ज्योति प्रज्वालित की जाएगी उसके बाद शाम 7 बजे से प्रभु इच्छा तक भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा जिसमे क्षेत्र के प्रसिद्ध भजन गायको द्वारा भगवान झूलेलाल वरुण देव जी की लीलाओ व चमत्कारो का गुणगान किया जायेगा महंत लोकेश भगत जी का कहना है कि भगवान वरुण देव जी का स्थान सर्वोच्च माना गया कोई भी पूजा, हवन व यज्ञ या किसी भी देव की पूजा बिना वरुण देव जी के पूजन के संपन्न नहीं हो सकती है भगवान झूलेलाल (वरुण देव -विष्णु अवतार ) ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया था व सभी को एकता व भाईचारे का सन्देश देकर सभी जीवो की सेवा करने का आदेश दिया था व जल-ज्योति की पूजा का महत्व लोगो को समझाया और जल व ज्योति मे अपना वास बताया था तभी से लोग नदी, तालाब, जोहड़ के किनारे ज्योति प्रजवलित करके व भोग जल प्रवाह करके झूलेलाल वरुण देव जी की पूजा करते है तपोभूमि स्थान के बारे मे महंत जी का कहना है इस स्थान पर भगवान झूलेलाल वरुण देव जी ने लगभग हजार वर्ष पूर्व तप किया था यह स्थान काफ़ी चमत्कारिक व मनोकामना पूर्ण करने वाला है भारत के विभिन्न राज्यों व शहरों के अलावा दूसरे देशो के श्रद्धालू इस स्थान पर भगवान झूलेलाल वरुण देव जी के दर्शन करने आते है व बाबा इनकी मनोकामना भी पूर्ण करते है भारत मे वरुण देव जी का यह स्थान कई सौ वर्षो पुराना है जहाँ भगवान झूलेलाल वरुण देव जी साक्षात् विराजमान है व समय-समय पर विभिन्न रूपों मे अपने भक्तो को दर्शन देते रहते है इस पावन जन्मोत्सव पर्व पर सभी भक्तजन अपने घरों मे संध्या के समय पाँच दीपक जरूर जलाये व मीठे चावल, उबले चने, खीर प्रसाद का भोग अवश्य लगाए पीठाधीशवर महंत लोकेश भगत जी की तरफ से भगवान झूलेलाल वरुण देव जी के इस जन्मोत्सव पर्व मे तपोभूमि स्थान पर आप सभी भक्तजन सादर आमंत्रित है।
भगवान श्री झूलेलाल मंदिर में होंगे अनेकों कार्यक्रम 10 अप्रैल को।
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