– *महानवमी पर तत्कालेश्वर महादेव मंदिर में भव्य प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव*
*लोक आस्था, जनसहयोग और शिव भक्ति का अनुपम संगम : गोपाल शर्मा*
– *विधायक गोपाल शर्मा ने की 11 मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा*
जयपुर (1 अक्टूबर, 2025)। महानवमी के पावन अवसर पर शास्त्री नगर, जयपुर स्थित तत्कालेश्वर महादेव मंदिर के नवनिर्मित भव्य परिसर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव उत्साह, श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक समारोह का शुभारंभ सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने भगवान महादेव की पूजा-अर्चना कर किया। विधायक ने इस अवसर पर क्षेत्रवासियों की सुख-समृद्धि और मंगल कामना की और इसे लोक आस्था, जनसहयोग और शिव भक्ति का अनुपम संगम बताया।
मुख्य अतिथि विधायक गोपाल शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि भगवान महादेव की सच्ची आराधना समर्पण, सेवा और श्रद्धा से होती है। यह मंदिर केवल ईंट-पत्थरों का भवन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और समाज की एकता का प्रतीक है। प्रभु शिव का आशीर्वाद हमें धर्म, सदाचार और मानव सेवा के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। इस भव्य मंदिर परिसर के निर्माण में समाज के सभी वर्गों की एकजुटता ने आज एक नया इतिहास रचा है। यह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक क्षण है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और आस्था का केंद्र बनेगा।
मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष रासबिहारी शर्मा ने आभार जताते हुए कहा कि सभी श्रद्धालुओं, दानदाताओं और क्षेत्रवासियों के सहयोग से यह आयोजन भक्ति और सत्कार्यों का प्रेरणास्रोत बना है। उन्होंने क्षेत्रवासियों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की और सभी सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर पार्षद-चेयरमैन मनोज मुद्गल, पार्षद प्रत्याशी मनोज रावत, भाजपा मंडल अध्यक्ष निखिल वर्मा, उपाध्यक्ष कालीचरण शर्मा, प्रकाश चौधरी, प्रशांत राजौरिया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
*तीन दिवसीय महोत्सव का समापन*
महामंत्री जितेंद्र पटेल ने बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार और नवनिर्माण कार्य में मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष रासबिहारी शर्मा के नेतृत्व में श्रद्धालुओं और दानदाताओं का उल्लेखनीय योगदान रहा। जानकी देवी और गोपाल काबरा की पुण्य स्मृति में निर्मित इस मंदिर में तीन दिवसीय महोत्सव की शुरुआत 29 सितंबर को मंडप प्रवेश और वास्तु पूजन के साथ हुई। 30 सितंबर को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और रात्रि में भजन संध्या का आयोजन हुआ। बुधवार को महानवमी के दिन प्रातःकालीन विशेष पूजन के बाद 11 भव्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा और पूर्णाहुति की पूजा संपन्न हुई।