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🌿 श्रावण मास में हरियाली का संदेश
🌺 श्री गोविंद धाम में 1100 तुलसी पौधों का वितरण
🙏 महंत श्री अंजन कुमार गोस्वामी जी के सानिध्य में सेवा महोत्सव श्री गोविंद धाम में 1100 तुलसी पौधों का निशुल्क वितरण जयपुर, 08 अगस्त 2025 — पवित्र श्रावण मास के शुभ अवसर पर, ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देव जी, जयपुर के श्री गोविंद धाम में आज एक भव्य एवं दिव्य सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाली को बढ़ावा देने, पर्यावरण संरक्षण को प्रेरित करने और भक्तों को धर्म व प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। महंत श्री अंजन कुमार गोस्वामी जी के पावन सानिध्य में हुए इस आयोजन के अंतर्गत श्री राधा गोविंद देव जी के “चाकर स्वयंसेवको ” ने 1100 पवित्र तुलसी पौधों का नि:शुल्क वितरण भक्तों को किया गया। तुलसी माँ, जो हिन्दू संस्कृति में पवित्रता, स्वास्थ्य और आस्था का प्रतीक मानी जाती हैं, के पौधे श्रद्धा और उत्साह के साथ ग्रहण किए गए।
अपने आशीर्वचन में महंत श्री अंजन कुमार गोस्वामी जी ने कहा —
*”श्रावण मास भक्ति और सेवा का महीना है। इस माह में की गई सेवा का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। तुलसी माँ केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि पर्यावरण को शुद्ध और जीवन को स्वस्थ बनाने का अद्वितीय साधन भी हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए, जिससे घर-आंगन और वातावरण पवित्र एवं मंगलमय बने।”*
इस अवसर पर श्री राधा गोविंद देव जी के चाकर स्वयंसेवकों ने पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से तुलसी वितरण सेवा की। उन्होंने न केवल पौधों का वितरण किया, बल्कि महाराज श्री द्वारा दिए गए संदेश को जन-जन तक पहुँचाया। श्रद्धालुओं को यह बताया गया कि किस प्रकार घर में तुलसी का रोपण करने से वातावरण पवित्र होता है, सुख-शांति आती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
उल्लेखनीय है कि “चाकर स्वयंसेवकों ” द्वारा विभिन्न सामाजिक कार्य मंदिर में आयोजित किया जाता है जिससे आज के युवा भक्तों में समाज सेवा की भावना को बढ़ाया जा सके।
मंदिर प्रांगण में भक्तों ने उत्साहपूर्वक पौधे ग्रहण किए और उन्हें अपने घरों, आंगनों तथा आसपास के क्षेत्रों में लगाने का संकल्प लिया। पूरे परिसर में तुलसी की सुवास और भक्ति भाव का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिससे वातावरण अत्यंत पावन और हर्षोल्लासपूर्ण हो उठा।
स्थान: श्री गोविंददेव जी मंदिर प्रांगण, जयपुर