श्री अमरापुर दरबार में फूलों से खेली गई होली

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श्री अमरपुरा स्थान जयपुर में निषेध पदार्थों के त्याग के संकल्प के साथ खेली फूलों की होली
संतो संग फूलों की होली खेलने उमड़ा भक्तों का विशाल जनसमूह जयपुर। आस्था के पावन केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर में होली का पावन पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। प्रातः काल की मधुर वेला में प्रातः 9से 10 बजे तक नित्य नियम प्रार्थना, संत महात्माओं के द्वारा भजन संकीर्तन, गुरु महाराज जी की प्रवचन कैसेट तत्पश्चात् संत महात्माओं द्वारा आचार्य श्री के विग्रहो पे कुँगू केसर का तिलक लगा मंगल आशीष मांगी । श्री अमरापुर स्थान जयपुर के व्यवस्थापक संत श्री मोनूराम जी महाराज ने उपस्थित सभी भक्त श्रद्धालुओं को होली की शुभकामनाएं दी एवं रंगबिरंगी होली के त्यौहार को सादगी से मनाने का आग्रह किया। संतो ने अपने सत्संग प्रवचन में बताया कि इस दिन निषेध पदार्थों का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। मास मछली खात जो सुरा पान से हेत ते नर नरके जात है, मात पिता समेत अपने जीवन काल में जो भी मनुष्य मास मछली, शराब, तंबाकू, आदि निषेध पदार्थों का सेवन करता है उस मनुष्य को मात पिता सहित नर्क की यातनाओं को भोगना पड़ता है। संतो ने आगे बताया कि आचार्य श्री सद्गुरु स्वामी टेऊराम जी महाराज अपनी पवित्र जन्मभूमि खंडू में होली का पावन त्यौहार पांच दिन मनाते थे और ओर सभी साधक गुरु भक्तों को निषेध पदार्थों का जीवन में उपयोग नहीं करने का संदेश दिया करते थे । गुरु महाराज जी की शिक्षा उपदेशों की अनुपालना करते हुए पावन तीर्थ श्री अमरापुर स्थान पर हम सभी को यही संकल्प लेना चाहिए कि निषेध पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे। प्रवचन के पश्चात संतो ने होली के भजन गए जिस पे भक्त झूम उठे। *संतो के संग होली खेलो, पीओ प्रेम प्याला रे…* *आज गुरु संग होली खेले ….* आदि भजनों में भक्त मंत्र मुग्ध हो उठे,,, तब फूल और इत्र की महक से पावन श्री अमरापुर स्थान महक उठा। उत्सव के उपलक्ष में स्वामी मनोहर लाल जी महाराज,संत श्री मोनू राम जी महाराज, अमेरिकी से आए संत नरेश लाल जी एवं संत नवीन जी, संत गुरदास जी आदि संतो ने सत्संग प्रवचन किया। सिंधी मिष्ठान घियर, गुजिया और ठंडाई प्रसाद में भक्तों को वितरित की गई।
श्री अमरापुर स्थान जयपुर

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