भाजपा विधायक गोपाल शर्मा के आरोपों से बौखलाई कांग्रेस, किया वॉकआउट लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान ऐतिहासिक कदम : गोपाल शर्मा जयपुर (21 मार्च, 2025। विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान विधेयक पर चर्चा के दौरान सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने कांग्रेस पर जमकर हमला किया। लोकतांत्रिक परंपरा और मूल्यों के गला घोंटने के आरोप वाले विधायक शर्मा के तीखे हमले से कांग्रेस बौखला गई और विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया। गोपाल शर्मा ने कहा कि आपातकाल में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोकुलभाई भट्ट और सिद्धराज ढड्ढा जैसे वरिष्ठ नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था। उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने संभाला। सरदार वल्लभ भाई पटेल की बेटी मणिबेन को थाने में बैठा लिया। कांग्रेस के द्वारा इमरजेंसी में पूरे देश को जेल खाने में तब्दील कर दिया गया था। पत्रकारों पर कई पाबंदियां लगाई गईं। बहुत कुछ छापने से रोका गया।
युवराज प्रताप की हत्या के जिक्र पर भड़की कांग्रेस विधायक शर्मा ने संबंधित प्रमाण भी विधानसभा में प्रस्तुत किए। शर्मा ने जब अलवर के तत्कालीन युवराज प्रताप सिंह की आपातकाल के दौरान गोली मारकर की गई हत्या का जिक्र किया तो प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली, राजेंद्र पारीक भड़क गए और लगातार टोकाटाकी करते रहे इस बीच सत्तापक्ष की ओर से वन मंत्री संजय शर्मा और सरकारी मुख्य सचेतक जागेश्वर गर्ग ने विधायक शर्मा की बात का समर्थन किया।इतिहास में लिखा जाएगा निर्णय विधायक शर्मा ने कहा कि भजनलाल सरकार के इस निर्णय को इतिहास में लिखा जाएगा। यह काम 1977 में भी किया जा सकता था। उस समय तो आज से भी ज्यादा बहुमत था, लेकिन उस समय हमारे लोकतांत्रिक सेनानियों ने कहा कि हम हमारे काम की कोई कीमत नहीं चाहते। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेल नहीं गए, लेकिन भूमिगत रहकर आंदोलन का नेतृत्व किया। उन जैसे कई लोग थे, जिन्होंने जेल से बचते हुए लोकतंत्र की रक्षा की। ऐसे लोगों को इस विधेयक के दायरे में कैसे लाया जाए, इस भी विचार करना चाहिए।
सेनानियों का सम्मान ऐतिहासिक कदम।विधायक गोपाल शर्मा
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