श्री अमरापुर दरबार के संत एवं मुकेश साद सहित कई संतों ने किया शिव महापुराण कथा का रसपान।

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श्री मृत्युंजय शिव महापुराण कथाः
जिसके नाथ भोलेनाथ हो, वो कभी अनाथ नहीं हो सकते: सद्गुरूनाथ जी महाराज जयपुर। श्री मृत्युंजय शिव महापुराण कथा में सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा लगातार ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है। कथा को सुनकर शिवभक्त आनंदित और प्रफुल्लित हो रहे हैं। कथा के दौरान चारों तरफ लगातार ऊँ नमः शिवाय की ध्वनि गूंजती होती रहती है। कथा की दिव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सबको लगता है साक्षात भोलेनाथ कथा स्थल पर मौजूद हों। कथा के आयोजक तुलसी त्रिलोकानी जी का कहना है कि जयपुर में शिवमहापुराण कथा के दौरान लोगों की भक्ति भावना देखकर मन प्रसन्न होता है। गुरूदेव जब कथा प्रारम्भ करते हैं तो चारों तरफ भक्ति की अविरल धारा बहती रहती है। जिस अनोखे अंदाज से सद्गुरूनाथ जी महाराज कथा और ज्ञान की बातें बताते हैं, वो शिवभक्तों को काफी पसंद आ रहा है।सद्गुरूनाथ जी महाराज ने कहा कि शिव पुराण मानव प्रकृति को चेतना के चरम तक ले जाने का सर्वाेच्च विज्ञान है, जिसे बहुत सुंदर कहानियों द्वारा किया गया है। योग को एक विज्ञान के रूप में व्यक्त किया गया है, जिसमें कहानियां नहीं हैं, लेकिन अगर आप गहन अर्थों में उस पर ध्यान दें, तो योग और शिव पुराण को अलग नहीं किया जा सकता। एक उनके लिए है, जो कहानियां पसंद करते हैं तो दूसरा उनके लिए है, जो हर चीज को विज्ञान की नजर से देखना चाहते हैं, मगर दोनों के लिए मूलभूत तत्व एक ही हैं।
ज्ञात हो कि परम पूज्य गुरूदेव सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा 21 से 25 दिसम्बर 2023 तक श्री मुत्युंजय शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन स्वामी लीलाशाह भवन एवं डॉल्फिन स्कूल के पास, राणा सांगा मार्ग, सेक्टर-28 प्रताप नगर, जयपुर में दोपहर 1 से 4 बजे तक किया जा रहा है। कथा का सीधा प्रसारण आस्था चैनल एवं यूटूयूब द्वारा संपूर्ण भारत में किया जा रहा है।गुरूदेव ने कहा कि जब मनुष्य को खुद के ऐब दिखने लग जाएं तब समझ लेना कि उसकी प्रगति के मार्ग खुलने लगे हैं। जब तक वो दूसरों में दोष, बुराइयां देखता रहेगा उसका उत्थान बाधित ही होता रहेगा। शिव महापुराण कथा में भीड़ बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि शिव को पाने के लिए आना। भक्ति भाव और श्रद्धा को जितना बढ़ाओगे उतना ही फल प्राप्ति को सुनिश्चित करोगे। पूज्यश्री ने कहा कि राजस्थान के जैसी संस्कृति, खान-पान और पहनावा दुनिया में कहीं नहीं है. राजस्थान के पहनावे को मैं नमन करता हूं. तन ढंकना सभी को राजस्थान के लोगों से सीखना चाहिए. उन्होंने भोजन की शुद्धता के बारे में बात करते हुए कहा कि मनुष्य ही ऐसा प्राणी है, जिसे कुछ भी मिल जाए तो उसे वह खा लेता है. भगवान के प्रसाद में जो शुद्धता है वह कहीं नहीं मिल सकती. अन्नकूट और छप्पनभोग में जो स्वाद है, वह किसी होटल के भोजन में नहीं मिल सकता.
भगवान शंकर जब त्रिपुरासुर नामक राक्षस के साथ युद्ध करने के लिए रणभूमि में गए तो उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कैलाशपति के रथ का पहिया तक टूट गया और वह घायल भी हो गए थे। ऐसे में कैलाश पर्वत पर वापस आकर माता पार्वती को भगवान शंकर ने सारा वृतांत सुनाया। माता पार्वती ने कहा कि आप बिना गणपति पूजन के युद्ध में गए थे। इसीलिए आपको विपत्तियों का सामना करना पड़ा। इसलिए अपने वचन का पालन करें। भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर बड़ी धूमधाम से गणपति पूजन उत्सव किया और तत्पश्चात त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर विजय प्राप्त की। भगवान शिव ने कहा कि जो भी कोई भी कार्य करने से पूर्व गणपति महाराज का पूजन करेगा, उसे यश, वैभव, कीर्ति, धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहेगी। जब हमारे साथ भोले नाथ है उनकरी कृपा है तो झूठ की आवश्यकता नहीं. क्योंकि शिव ही एक मात्र ईश्वर है. शिव ही सुंदर है और सत्य ही शिव है.
आज के शिव पार्वती विवाह के विशेष उत्सव में आयोजक तुलसी त्रिलोकानी परिवार, शर्मा परिवार, रावतानी परिवार एवं जयपुर के निम्न गणमान्य व्यक्तियों ने बराती और घराती बनकर शिव विवाह उत्सव की शोभा बढ़ाई – श्री अमरापुर स्थान के संत मोनू राम साईं, गलता पीठ के महंत अवधेशाचार्य, बगरू विधायक कैलाश वर्मा मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ मुकेश साध साहब राजकुमार साध साहब एवं शहर की विभिन्न पूजा सिंधी पंचायत के माननीय मुखी गण।

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