अदबी गोष्ठी का आयोजन जयपुर।

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राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 28 फरवरी, 2023 को झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता अजमेर की साहित्यकारा डॉ.परमेश्वरी पमनानी ने की। गोष्ठी में जयपुर के साहित्यकार लक्ष्मण पुरसवानी ने अपनी कविता ’पहचान’ एवं ’सहारो’ में ’तुहिंजे प्यार जो बस इशारो मिले, जीअण जो फ़िदा खे सहारो मिले’ सुनाई। जयपुर की श्रीमती पूजा चांदवानी ने ’सिन्धु महिमा’ में सिन्धु घाटी सभ्यता से लेकर हेमूं कालानी की शहादत का कविता के रूप में सुन्दर वर्णन किया। जयपुर के डा.हरि जे.मंगलानी ने दो गजलें ’उनवानु-मौसमु ऐं सच्चो प्यारू’ प्रस्तुत की। अजमेर की डा.मीना आसवानी ने ’भगवंती नावाणीअ जो सिन्धी संगीत में योगदान’ विषयक आलेख प्रस्तुत किया। अजमेर के डा.जितेन्द्र थदानी ने ’शाह जे रसाले में भारतीय दर्शन जो चिटु’ विषयक आलेख में सिन्धी काव्यधारा के मशहूर कवि शाह अब्दुल लतीफ के काव्य संसार पर विस्तार से प्रकाश डाला। जयपुर की वीना प्रियदर्शना ने ’मौसम’ में ’सीअ अयां वियो न आहे, गरमी जल्दी अची वई आहे’ प्रस्तुत की। निवाई टोंक की योग्यता इसरानी ने सिन्धियत से ओत-प्रोत कहानी ’सिन्धियत जा रंग’ में सिन्धी रीति-रिवाज-रस्मों से रूबरू कराया। जयपुर के मनोज आडवानी ने कविता ’झूलण जेको कंदो आ सुठो ही कंदो आ, भाउ हिन बदलावे सां तू छा लाए डिजंदो आह’, अजमेर की डॉ.परमेश्वरी पमनानी ने 20वीं सदी के महान सिन्धी कवि-शायर किशनचंद बेबस के काव्य संसार पर आलेख प्रस्तुत किया। इस अवसर पर ’शैक्षिक भ्रमण’ के लिये पूना के डेक्कन कॉलेज से आये दल के सदस्यों सर्वश्री जीवत केसवानी, मंदा पंवार, शिल्पा चंद्रशेखर, रेणुका गोरखनाथ, ज्योति चौहान, कल्पना आंबोरकर, कौसरबानो सैयद, विरेन्द्र दखडे, सी.ए.गैधानी, मनवा गायधने, ज्ञानेश्वरी आटोके आदि का स्मृति चिन्ह, शॉल एवं अकादमी पुस्तकें का सैट भेंट कर स्वागत-सत्कार किया। शैक्षिक भ्रमण पर आये दल के सदस्यों ने अपने संस्मरण, कवितायें आदि प्रस्तुत किये। श्री केसवानी ने बताया कि दल के गैर सिन्धी भाषी प्रशिक्षणार्थी सिन्धी भाषा सीख कर सिन्धी भाषा, बोली एवं सिन्धियत का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, रमेश रंगानी, डा.माला कैलाश, नन्दिनी पंजवानी, ज्योति पहलवानी, हेमा चंदानी, कविता सचदेव, हेमा मलानी, रोमा चांदवानी, पार्वती भागवानी, माया वसंदानी, लविना पहलवानी, कविता इसरानी, प्रिया नन्दवानी, गोपाल, हेमनदास तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन सुश्री हेमा चंदानी ने किया।

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