चरवाहों की समस्याओं को लेकर पशुपालकों से अहम बैठक
– मंत्री ने वन विभाग व पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
जयपुर, 10 जून। पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने मंगलवार को शासन सचिवालय में अन्य राज्यों में पशु चराने वाले पशुपालकों से बैठक की। इस बैठक में पशुपालकों ने अन्य राज्यों पर पशु चराने के लिए झुंड में पशुओं को ले जाने के दौरान वन विभाग व आमजन द्धारा परेशान किए जाने का मामला उठाया। इस दौरान पशुपालकों ने राजस्थान सीमा के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, डूंगरपुर, चितौड़गढ, भीलवाड़ा व प्रतापगढ के वन क्षेत्रों में रात्रि पड़ाव के दौरान कई बार लूटपाट एवं खूनी संघर्ष की घटनाएं हो चुकी हैं। पशुपालकों ने मंत्री को अवगत कराया कि जब पशुपालक अपने पशुओं को मध्यप्रदेश और छतीसगढ राज्य में खुले में पशु चराने के लिए लेकर जाते हैं तो वहां किसानों व वन विभाग के कर्मचारियों द्धारा मारपीट की जाती है। ऐसी स्थिति में जब पीड़ित पशुपालक संबंधित थाने या विभाग के उच्चाधिकारियों के पास आरोपियों की शिकायत लेकर जाते हैं तो उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया जाता है। इस पर पशुपालकों ने पड़ोसी राज्यों की सरकार के पशुपालकों को चारागाहों में निर्बाध रूप से पशु चराने की अनुमति देने व आरोपियों पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया। इसी तरह मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र में निष्क्रमणीय भेड़ पालकों के पशुओं की चराई की अनुमति दिलवाने तथा मध्यप्रदेश और छतीसगढ सरकार की चरवाह नीति में स्थानीय पशुपालकों एवं निष्क्रमणीय पशुपालकों के बीच विभेद समाप्त करवाकर समान व्यवहार किए जाने के संबंधी नीति जारी करवाने का मामला उठाया गया।
इस पर केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने वन विभाग के पीसीसीएफ अरजीत बेनर्जी व पशुपालन विभाग के निदेशक डा. आनंद सेजरा को आपसी समन्वय से उक्त समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
इन मुद्दों पर भी हुआ मंथन
बैठक में पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग से संबंधित विभिन्न मुददों पर गहन चर्चा हुई। इसमें सिंदरू में हाईटेक नर्सरी स्थापित करने, सुमेरपुर में गंगावेरी (निम्बेश्वर महादेव, साण्डेराव) तक रास्ता रेवेन्यु रिकार्ड में दर्ज कराने, सुमेरपुर में गंगावेरी कालीया बाबा मोती महाराज धूणी (नेतरा) तक रास्ता रिकार्ड में दर्ज करवाने को लेकर मंत्री जोराराम कुमावत ने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
श्री जोराराम कुमावत ने बताया कि यह बैठक पशुपालन क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। बैठक में लिए गए निर्णयों से पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और पशुपालकों की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी। इसमें खासतौर पर पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, पशु चिकित्सा शिक्षा के विस्तार पर जोर दिया गया। पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम को और बेहतर बनाने पर चर्चा की गई। उन्होंने यह भी कहा कि चरवाहों से मारपीट व लूटपाट की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारी भूमि पर पशु चराने को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए पड़ोसी राज्यों की सरकारों को भी पत्र लिखकर चरवाहों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।
चरवाहों की समस्याओं को लेकर पशुपालकों से अहम बैठक
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