अखिल भारतीय महाकवि माघ महोत्सव2025 आगाज़ हुआ। आगाज हुआ

Listen to this article

अखिल भारतीय महाकवि माघ महोत्सव-2025 का आगाज हुआ
जयपुर 06 फरवरी। दुनिया की प्राचीनतम एवं पूर्ण परिष्कृत भाषा संस्कृत के मनीषियों का मानना है कि कालिदास उपमाओं में, भारवि अर्थ गौरव में और दण्डी पद लालित्य में सिद्ध है, पर महाकवि माघ इन तीनों गुणों के साथ प्रसिद्ध है। शब्द ब्रह्म के परम साधक महाकवि माघ के बारे में कहा गया है कि शिशुपाल वध के 9 सर्ग लिखने के बाद कोई ऐसा शब्द नहीं बचा जो लिखने से छूट गया हो। यह दुनिया का दुर्लभतम उदाहरण है। अक्षरब्रह्म के ऐसे अतुलनीय आराधक को सम्पूर्ण विश्व श्रद्धा के साथ स्मरण करता है। ये विचार आज माननीया उपमुख्यमंत्री महोदया दिया कुमारी जी के मार्गदर्शन में तथा राजस्थान संस्कृत अकादमी की निदेशक डॉ. लता श्रीमाली के नेतृत्व में 06 फरवरी, 2025 से 12 फरवरी, 2025 तक राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय महाकवि माघ महोत्सव-2025 के उदघाटन समारोह में राजस्थान विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के सभागार में उपस्थित विद्वानों द्वारा कहे गये । इस विद्वत् संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो.रामकुमार शर्मा, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय थे।
विद्वत् संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि प्रो.श्रीकृष्ण शर्मा सम्पादक, भारती पत्रिका ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि आज महाकवि माघ को स्मरण किया जा रहा है। वे लक्ष्मी के उपासक थे, उनके पास जो होता था उसको वह दान कर देते थे।
संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो.बनवारी लाल गौड, पूर्व कुलपति, श्री राधाकृष्ण आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर ने की । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. लता श्रीमाली ने राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर द्वारा महाकवि माघ महोत्सव-2025 के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रमों का प्रकाश डाला तथा उपस्थित विद्वानों को अकादमी द्वारा आयोजित महाकवि माघ महोत्सव में भागीदारी करने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम वैदिक मंगलाचरण डॉ. सुधाकर पाण्डेय, वेद विभाग, केन्दीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर ने किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन करने के पश्चात् प्रो.राजेश पूनिया, अधिष्ठाता, कला संकाय एवं प्रो. ज्योत्सना वशिष्ठ, संस्कृत विभागाध्यक्ष, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के संचालक एवं संयोजक डॉ. सुधीर कुमार शर्मा, सह आचार्य, संस्कृत विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर ने सभी उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

(Visited 26 times, 1 visits today)