ब्रह्मा का बोध कराती है ब्रह्म दर्शनी।

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श्री अमरापुर धाम, जयपुर ब्रह्म का बोध कराती है ब्रह्म दर्शनी : संत मोनूराम जी महाराज 56 भोग व्यंजन के थाल का लगाया भोग सामूहिक संगीतमय ब्रह्म दर्शनी के पाठ में हुए सैकड़ों भक्त समल्लित (संत महात्माओं ने किया ब्रह्म दर्शनी का पाठ) (स्वामी टेऊराम चौथ, मासिक जन्म दिवस भक्ति भाव से मनाया गया) जयपुर। आस्था के पावन तीर्थ स्थल श्री अमरापुर स्थान जयपुर में आचार्य सद्गुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज का पावन मासिक जन्मोत्सव चौथ पर्व पर सायं काल संत महात्माओं ने संगीतमय ब्रह्मदर्शनी का पाठ किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया । संतों ने बताया कि ब्रह्म दर्शनी आचार्य सद्गुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज द्वारा रचित श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब का एक भाग है ,सद्गुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज द्वारा प्रेमियों की सुविधा के लिए अलग रूप में प्रकाशित किया । यह पुस्तक अपने नाम अनुरूप गुणी है जिसके अंतर्गत ब्रह्म ज्ञान का भंडार भरा हुआ है। ब्रह्मदर्शनी का पाठ करने से मन के अंदर उत्पन्न भेद भ्रांति समाप्त हो जाते हैं एवं ईश्वरीय स्वरूप का साक्षात दर्शन होता है।
ब्रह्मदर्शनी पाठ के उपरांत सतनाम साक्षी महामंत्र का जाप, आचार्य श्री के समक्ष डोडा चटनी महाप्रसादी का भोग एवं 56 व्यंजन थाल अर्पित किया गया । स्वामी मनोहर लाल जी महाराज ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित सुंदर काण्ड सदृश, आचार्य सदगुरु स्वामी टेऊंराम जी महाराज द्वारा ब्रह्म दर्शनी रचित है, जिसका पाठ लगभग दो घंटे में पूरा होता है ! जिसका पाठ करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है !
संत नवीन जी बताया कि आचार्य सदगुरु स्वामी टेऊराम जी महाराज द्वारा “प्रेम प्रकाश ग्रंथ” की रचना भी की गई है, जिसमे दोहे, पद, छंद, कवित, सलोक माला, आदि आध्यात्मिक रचनाएं है !
संत मोनूराम महाराज, संत नवीन संत गुरुदास संत हरीश, अविनाश ऋषि भारत राधा गोविंद, टेकवानी, आयल दास, किशन, भरत आसवानी, आदि संत भक्त मौजूद रहे।

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