अधिवक्ताओं द्वारा यज्ञ हवन

Listen to this article

पारिवारिक न्यायालय क्षेत्राधिकार का मामला वकीलों ने किया सद्बुद्धि यज्ञराजस्थान सरकार द्वारा पारिवारिक न्यायालय के क्षेत्राधिकार को कम करके एडीजे सांगानेर को पारिवारिक न्यायालय का क्षेत्राधिकार दिया गया इस मामले में अब आन्दोलन उग्र हो गया है आज वकीलों ने सद्बुद्धि यज्ञ किया पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन की संघर्ष समिति के संयोजक पूनम चंद भंडारी व अध्यक्ष डी एस शेखावत ने बताया कि आज सद्बुद्धि यज्ञ में वकीलों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया महिला वकीलों में भी बहुत जोश देखा गया। पंडित विजय शंकर पांडे ने पूरी विधि से यज्ञ करवाया यज्ञ में अजित सिंह लूनिया, विष्णु कुमार शर्मा, रेखा शर्मा,वैदेही शर्मा, कुमुद राठौड़, रजनी गुप्ता, अनीता अग्रवाल, सुनील शर्मा, अनुभव शर्मा, आलोक सोनी, सुजाता वर्मा, सुमन शर्मा, रेखा, गौरव गुप्ता, पूनम झंझानी, तारिका बजाज सहित सैंकड़ों वकीलों व पक्षकारों ने भाग लिया पूरा वातावरण शुद्ध हो गया और हवन के बाद सबको प्रसाद वितरित की गई।
पारिवारिक न्यायालय में आज तेरहवें दिन कोई कार्यवाही नहीं हुई सिर्फ मुकदमों में आगामी तारीख पेशी दी गई है।
भंडारी ने बताया कि वकीलों से ज्यादा पक्षकारों में रोष है सबसे अधिक परेशानी उनको उठानी पड़ेगी उनके मुकदमे बहुत लंबे हो जाएंगे और सांगानेर में पक्षकारों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है बच्चों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है काउंसलिंग रूम भी नहीं है और काउंलसर भी नियुक्त नहीं किए गए हैं और वहां का वातावरण पारिवारिक मामलों के लिए उचित नहीं है तथा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सुरक्षित भी नहीं है। पारिवारिक न्यायालय 1991 के नियम 4 के उप नियम 3 में स्पष्ट लिखा गया है पारिवारिक न्यायालय के मुकदमों में जो जज सुनाई करेंगे उनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक होनी चाहिए जबकि सांगानेर में जो एडीजे नियुक्त है उनकी उम्र 50 से बहुत कम है इसलिए भी उनको पारिवारिक मुकदमे सुनने का अधिकार नहीं है।

(Visited 42 times, 1 visits today)