10 वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित

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राज्य स्तरीय आयुर्वेद दिवस समारोह आयोजित
-10 वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित
-हर वर्ष 23 सितम्बर को आयोजित होगा आयुर्वेद दिवस

जयपुर, 23 सितम्बर। प्रमुख शासन सचिव आयुष विभाग श्री सुबीर कुमार ने कहा कि आयुर्वेदिक पद्धतियों ने हजारों वर्षों से जीवन को स्वस्थ बनाए रखा है। राज्य सरकार प्रदेश में उन्नत आयुर्वेद चिकित्सा उपलब्ध करवाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में आयुष औषधालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। आमजन के लिए गुणवत्तायुक्त औषधियां और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

श्री कुमार मंगलवार को जयपुर के आरआईसी में दसवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए थीम पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन की सहायता से राज्य वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2025-26 के तहत कुल 348.88 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। इसके अंतर्गत लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत से जयपुर के चाकसू में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय तथा दूदू एवं बूंदी में एकीकृत आयुष चिकित्सालयों का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2025 से आयुष्मान आरोग्य योजना (मा) में आयुष चिकित्सा के 20 पैकेज जोड़े गए हैं, जिनके अंतर्गत 79 आयुर्वेद चिकित्सालयों को एम्पैनल किया गया है।

निदेशक आयुर्वेद विभाग श्री आनंद शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद दिवस पूर्व में तिथि के अनुसार आयोजित किया जाता था, अब इसे हर वर्ष 23 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयुष्मान आरोग्य ग्राम योजना के तहत प्रारंभिक रूप से 210 गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों में स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूकता पैदा कर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ ग्राम बनाया जाएगा। इस कार्य के लिए चयनित ग्रामों को प्रोत्साहन स्वरूप 11 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम में आयुर्वेद के प्रो. कमलेश कुमार शर्मा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान आयुर्वेद ने अहम भूमिका निभाई है। आयुर्वेदिक चिकित्सा ने स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया है। समारोह में आयुर्वेद के प्रो. श्रीकृष्ण खांडल ने कहा कि राजस्थान आयुर्वेद में अग्रणी राज्य है। वर्तमान समय में आयुर्वेद के वैभव और उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक व वैज्ञानिक पद्धतियों के कारण ही आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान का भविष्य बनेगा।

कार्यक्रम में आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं भामाशाहों, चिकित्सकों, कार्मिकों आदि को सम्मानित किया गया। इससे पहले विषेशाधिकारी डॉ. श्रीराम तिवाड़ी ने आयुर्वेद दिवस पर उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा की ओर से संदेश वाचन किया।

इस दौरान आयुर्वेद विभाग के शासन उपसचिव श्री इंद्रजीत सिंह, निवर्तमान उपसचिव श्री सावन कुमार चायल, आयुर्वेद विभाग की निवर्तमान अतिरिक्त निदेशक श्रीमती मेघना चौधरी सहित विभागीय कार्मिक उपस्थित रहे।

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