प्राचीन सिद्धपीठ श्री झूलेलाल वरुण देव की तपोभूमि पावन नंगली धाम, (वरुण देव व गोगा जी मिलन स्थान ) साँप की नंगली, सोहना, गुरुग्राम हरियाणा मे दिनांक 17 अगस्त 2025 दिन रविवार को श्री जाहरवीर गोगा जी के अवतरण दिवस (गोगा नवमी) व भगवान वरुण देव के श्रावण माह की विशेष पूजा (चालिहा) के समापन के उपलक्ष्य मे हवन व भंडारे के आयोजन के साथ-साथ गोगा जी की मूर्ति स्थापना भी की जाएगी उससे पहले 10 अगस्त 2025 दिन रविवार को गोगा जी की मूर्ति की शोभा यात्रा डीजे व ढ़ोल- बाजे के साथ सोहना से शुरू होकर नंगली धाम पर पहुंचेगी जिसमे आप सभी भक्तजन सादर आमंत्रित है मान्यता है कि भगवान वरुण देव का यह स्थान महाभारत कालीन है जो उनकी तपोभूमि के नाम से आज के समय मे विश्व विख्यात है माना जाता है कि जब भगवान वरुण देव यहाँ अपनी तपस्या मे लीन थे उसी समय बागड़ के राजा श्री जाहर वीर गोगा जी महाराज की इसी स्थान पर भगवान वरुणदेव से भैंट हुई व उन्होंने भगवान झूलेलाल वरुण देव से आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की व अपना काफ़ी समय इसी स्थान पर भगवान वरुणदेव के साथ चौसर खेलकर भी व्यतीत किया तभी से इस स्थान पर भगवान वरुणदेव के साथ-साथ पदमनाग अवतारी श्री जाहरवीर गोगा जी की भी पूजा साथ मे होती आ रही है समय-समय पर गोगा जी महाराज सर्प रूप मे आज भी इस स्थान पर दर्शन देते है यहाँ के पीठाधीशवर लोकेश भगत जी का कहना है कि यह स्थान काफ़ी चमत्कारिक स्थान है यह पर देश-विदेश के काफ़ी श्रद्धालू अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते है व उनकी मनोकामना पुरी होने पर यहाँ ढ़ोल-नागाड़े बजाकर व भंडारा करके बाबा का आभार प्रकट करते है जिससे आज के समय मे भगवान वरुण देव के इस स्थान की ख्याति विदेशो तक फ़ैल चुकी है जिस कारण यह एक तीर्थ स्थान बन चुका है काफ़ी संगत यहाँ भगवान वरुण देव व गोगा जी के दर्शन करने के लिए आती है यह आयोजन धाम की तरफ से हर वर्ष किया जाता है
10 अगस्त को निकलेगी गोगा जी मूर्ति की विशाल शोभा यात्रा
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