एक साथ 54 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे
सर्व जातीय विवाह सम्मेलन में वर वधुओं को विधायक बालमुकुंदाचार्य ने दिया आशीर्वाद जयपुर। सेवा भारती समिति की तरफ से रविवार 5 मई को जानकी नवमी के शुभ अवसर पर राजधानी जयपुर के अंबाबाड़ी स्थित उच्च माध्यमिक बालिका आदर्श विद्या मंदिर में सर्वजातीय 14वां सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन में 54 जोड़ों का विवाह एक साथ 54 पंडितों द्वारा विधि विधान से सम्पन्न कराया गया। इन जोड़ों में विभिन्न 16 जातियां रही और 10 अंतर्जातीय जोड़े रहे। एक वधू के माता-पिता दोनों ही नहीं थे तो उनके विवाह का संपूर्ण दायित्व सेवा भारती ने निभाया। समिति की प्रचार मंत्री रितु चतुर्वेदी ने बताया कि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे विधायक बालमुकुंदाचार्य ने सभी वर वधुओं का आशीर्वाद दिया। रितु ने बताया कि सम्मेलन में सभी परंपराओं का पालन करते हुए जैसे एक सामान्य विवाह घरों में होती है। उसी तरह मेहंदी, हल्दी के रस्म सहित सभी कार्यक्रम किए गए। विवाह वाले दिन सभी 54 वधुओं ने ने एक जैसे बरी के बेस पहने, जो कि सेवा भारती की तरफ से एक जैसे सभी वधुओं के लिए बनवाए गए। वधुओं को तैयार करने के लिए मेकअप आर्टिस्ट अरेंज किए गए। सभी वधू एक जैसे बेस में बहुत ही खूबसूरत दिखती रही।
सभी वरों के बारात एक साथ विद्याधर नगर स्थित महादेव मंदिर से बैंड बाजो के साथ रवाना हुई। एक साथ 54 दूल्हे सज धज कर घोड़े पर निकले। इतने बड़े बारात का दृश्य देखने लायक रहा। एक साथ 54 वरों ने घोड़े पर विवाह स्थल पहुंचकर तोरण की रस्म निभाई। तोरण की रस्म के बाद सभी जोड़ों की स्टेज पर वरमाला कराई गई। वरमाला के बाद जोड़ों को फेरो की रस्म के लिए ले जाया गया, जहां हर जोड़ा अपने नाम के अनुसार फेरो पर बैठा रहा। एक ही पंडाल के नीचे 54 जोड़ों का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पंडितों द्वारा फेरों की रस्म पूरी की गई। इनमें कुछ बच्चियों के माता-पिता नहीं थे, जिनका कन्यादान सेवा भारती की तरफ से किया गया। समिति की ओर से दूल्हा दुल्हन को अपने जीवन की नई शुरुआत करने के लिए कुछ सामान उपहार स्वरूप दिया गया। इनमें पंखा, कूलर, पलंग, बक्शा, घरेलू बर्तन, कुछ सोने चांदी के आभूषण, सीता रामचंद्रजी की तस्वीर, तुलसी का पौधा, तुलसी माला सहित अन्य सामग्री उपहार स्वरूप दिए गए। कार्यक्रम में मंच संचालन हनुमान सिंह भाटी ने किया। विवाह समिति में संयोजक नवल बगड़िया, गिरधारीलाल शर्मा, मोजिका ग्रुप के नागरमल अग्रवाल, कैलाश शर्मा, हरिकृष्ण गोयल, सुरेश मोहन जोशी, रामबाबू अग्रवाल, रमेश डेरेवाला, डॉक्टर एसपी शर्मा, सुमन बंसल उपस्थित रहे। सामूहिक विवाह सम्मेलन में कार्यकर्ताओं की संख्या लगभग 500 रही, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना पूर्ण श्रमदान दिया। लगभग 5000 से ज्यादा विवाह समारोह में अतिथि आए, जिनके भोजन की व्यवस्था भी की गई। जोड़ों को उनके सुखद जीवन को शुरू करने के लिए उच्च कोटि के संतों ने अपना आशीर्वाद दिया, जिनमें खोजी द्वारचार्य श्रीश्री 1008 रिछपालदास महाराज (त्रिवेणी धाम), राम रतनदास नारायण धाम, अवधेशाचार्य 1008 सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर जयपुर, अंकिचंन दास मुरली मनोहर झोटवाड़ा, कैलाश महंत मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर जयपुर, बृजमोहन महंत खोल के हनुमानजी, विष्णु शर्मा महंत सालासर धाम आशीर्वाद देने पधारे सभी संतो को शॉल नारियल और माला पहनकर सम्मानित किया गया। सम्मेलन में पधारे प्रमुख अतिथियों में निंबाराम क्षेत्रीय प्रचारक, बाबूलाल प्रांत प्रचारक, मूलचंद सोनी राष्ट्रीय प्रकाशन, शिव लहरी सेवा प्रमुख राजस्थान सहित कई उद्योगपतियों और समाज में प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने कार्यक्रम में शिरकत कर सेवा भारती की तरफ से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
सेवा भारती का यह सम्मेलन जातिगत, सामाजिक और आर्थिक भेद को मिटाते हुए सच्चे मायनों में एक भारत समरस भारत की अवधारणा को साकार करता है। इस वर्ष के आयोजन में 16 विभिन्न समाजों के जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि विवाह संस्कार केवल दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि समाज का भी मिलन है। समाज एकता में जुड़ता है सेवा भारती ना केवल निर्धन परिवारों को आर्थिक सहयोग देती है बल्कि सामाजिक समरसता एकता और आपसी सहयोग की भावना को पुष्ट करती है। जिन परिवारों को अपनी बच्चियों के विवाह करना एक सपना बनकर रह जाता है, उसे सेवा भारती सादगी पूर्ण पूरे रीति रिवाज के साथ उनका सपना साकार करती है। सेवा भारती आज सामाजिक परिवर्तन और समरसता की सशक्त मिसाल बन चुकी है।
एक साथ 54 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
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