जयपुर। भाद्रपद शुक्ल अष्टमी शनिवार को राधाजी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मुख्य आयोजन आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में हुआ। शुक्रवार को अष्टप्रहर हरिनाम कीर्तन हुआ। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने कीर्तनियों का तिलक कर दुपट्टा धारण कराकर सम्मान किया। इसके बाद मंदिर का जगमोहन हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण से गूंजामयान हो उठा। श्रृंगार झांकी के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने कीर्तन में नृत्य के साथ जुगलबंदी की। राधाष्टमी के उपलक्ष्य में मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मंदिर में जगह-जगह बधाई संदेश और बांदरवाल लगाई गई। गोविंद देवजी मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि राधाष्टमी का मुख्य उत्सव सुबह मंगला झांकी के बाद तिथि पूजन किया गया। इसके बाद प्रियाजी का 60 लीटर दूध, 40 किलो दही, दो किलो घी, पांच किलो बूरा, बीस किलो शहद से तैयार पंचामृत से अभिषेक किया गया। नवीन पीत पोशाक धारण कराकर विशेष अलंकार धारण कराए गये। पंजीरी, लड्डू, मावे की बर्फी, और पंजीरी का भोग लगाया गया। सुबह धूप झांकी खुलने पर ठाकुर जी का अधिवास पूजन किया गया। छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। श्रृंगार आरती के बाद राधारानी को कपड़े, फल, टॉफी, सहित अन्य सामान अर्पित कर उछाल की गई। शाम को फूल बंगला झांकी सजाई गई। गौर गोविंद महिला मंडल की ओर से भजन कीर्तन किया गया।
ठिकाना श्री गोविंद देव जी मंदिर में राधा अष्टमी धूमधाम से मनाई गई।
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