अमर शहीद संत कंवर राम साहिब को कोटि-कोटि नमन

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अमर शहीद भगत कंवर राम जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि शत शत नमन
आज 1 नवंबर को सिंध के ऐसे संत महापुरुष अमर शहीद संत कंवर राम जी की पुण्यतिथि है जो त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति जीवन के मर्ग को जानने वाले ऋषि दया के सागर दीन दुखियों विकलांगों के मसीहा थे उनके मुख मंडल पर इसी ऋषि सा तेज झलकता था वही उनके नेत्रों से नूर बरसता था मानव सेवा ही उनका मुख्य उद्देश्य था नेत्रहीनों रोगियों की सेवा करना अपने हाथों से करके वे स्वयं को धन्य मानते थे अहंकार काम क्रोध से सदैव दूर रहने वाले संत थे सेवा के क्षेत्र में संत कंवर राम साहेब का नाम सर्वोच्च स्थान पर आता है आपके परोपकारी एवं आध्यात्मिक जीवन ने समाज को नई दिशा प्रदान की है सिंधु की पावन भूमि अनगिनत साधु संतो एवं दरवेश की जन्मभूमि रही है अमर शहीद संत कंवर राम जी का जन्म भी सिंध की भूमि पर ही हुआ है मृदुभाषी संत कंवर राम जी बचपन से ही साधु स्वभाव के थे उनके मन में कभी अभिमान कटुता छल कपट या लोभ लालच जन्म नहीं ले सकी संत जी की बोलचाल अत्यंत सरल थी सफेद खादी की धोती कुर्ता कंधे पर गमछा सिर पर गोल टोपी या पगड़ी पैरों में जैसल मरी जूती धारण करते थे संत कंवर राम जी ने सिंधी लोक संगीत के माध्यम से जीवन भर प्रभु भक्ति में लीन होकर संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गायन के समय प्रभु भक्ति में लीन होकर नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं को चैतन्य महाप्रभु का सजीव दर्शन कराते थे उनके हृदय में मधुरता का झरना था उनकी आवाज सुरीली व कोमल थी गायन में दर्द व तड़प थी उनकी आवाज में अत्याधिक मिठास थी इस महापुरुष की अमर वाणी से भारत के संतों की अमर वाणी सिंध के गांव-गांव शहर शहर में पहुंची और गूंजी संत कंवर राम जी ने अपने भक्ति के कार्यक्रम के माध्यम से सत्य अहिंसा सांप्रदायिक सोहद्र विश्व बंधुत्व ईश वंदना मानवीय प्रेम समता व नैतिक आचरण का संदेश आम और खास तक पहुंचाया 1 नवंबर 1939 का दिन मानवता इतिहास के लिए अति कलंकित दिन था उस दिन सदैव सामाजिक समरसता एकता व भाईचारे का प्रचार करने वाले सांप्रदायिक सद्भाव का प्रचार करने वाले संत का कट्टरपंथी लोगों ने एक षड्यंत्र रच कर उनकी हत्या कर दी इस हत्या के पीछे एक कट्टरपंथी सिंन्ध के पीर का हाथ था भारत के कोने कोने में संत कंवर राम जी की स्मृति में सिंधु जनों ने सामाजिक संगठनों ने सेवार्थ मानव कल्याण केंद्र गौशाला धर्मशालाएं शिक्षण संस्थाएं अस्पताल विश्राम गृह उनकी स्मृति में स्थापित किए हैं भारत का कोई ऐसा नगर नहीं होगा जहां सिंधी निवास करते हो वहां संत भगत कंवर राम जी की स्मृति में स्मारक का निर्माण नहीं किया गया हो कट्टरपंथियों ने संत जी की हत्या तो कर दी परंतु उनके द्वारा दिए गए संदेश को वे आज भी समाप्त नहीं कर पाए हैं उनके द्वारा समाज को दिखाए हुए मार्ग पर आज भी समाज उनका अनुसरण करते हुए चल रहा है आज उनके पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सिंधु सभा टाइम्स के प्रधान संपादक राजेंद्र सचदेव ने संत जी को कोटि-कोटि नमन शत शत नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भावभीनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए है

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