श्री सतनाम साक्षी एकता महापर्व के रूप में मनाया जाता है- असूचण्ड महापर्व सिन्धी समुदाय के इष्टदेव भगवान श्री झूलेलाल सांई का मासिक अवतरण दिवस चंद्र दिवस (चण्डु) हर माह श्रद्धा-भाव के साथ मनाया जाता है ! विक्रम संवत 1020 की अनंत चतुर्दशी को भगवान श्री झूलेलालजी के अंतर्ध्यान होने के उपरांत उस स्थान पर एक ओर अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की गई तथा दूसरी ओर तुरबत बनाया गया ! अनंत चतुर्दशी के बाद अश्विन मास में पड़ने वाला चण्ड को असूचण्ड” के नाम से जाना जाता है ! इस दिन हिन्दूओ ने सद्भावना पूर्वक मिलकर एकता मेला लगाया ! इसे “एकता दिवस पर्व” भी कहा जाता है ! इस दिन को सभी सनातन धर्मी लोगो ने पर्व के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास भक्ति-भाव के साथ मनाया ! सभी लोगों ने सिन्धु नदी (दरियाशाह) पर जाकर जल व ज्योति की पूजा-अर्चना की ! साथ ही सिन्धी परम्परा के अन्तर्गत डांडिया, छेज की ! मीठे चावल का भोग लगाया ! बहराणा साहब बनाकर, ज्योति प्रज्ज्वलित कर महाआरती की गई ! इसी प्रकार हर वर्ष सभी स्थानों पर अश्विन मास के चंद्र दर्शन असू चण्ड महापर्व (एकता दिवस पर्व) बड़े भक्ति-भाव के साथ मनाया जाता है !एक और भी मान्यता के अनुसार यह असू चण्ड पर्व भगवान श्री झूलेलाल साई जी का “ज्योति स्वरूप दर्शन” देने वाला महापर्व भी बताया जाता हैं ! इस दिन सर्व प्रथम भगवान श्री झूलेलाल जी ने ज्योत में दर्शन दिया था !सभी को असू चड की लख- लख बधाइयां आज के दिन सिंधी समाज के सभी लोगों को घर- घर अखण्ड ज्योत प्रज्वलित व आरती करनी चाहिए एवम लाल साहब के मंदिर के दर्शन करके आर्शीवाद प्राप्त करना चाहिए !प्रेम प्रकाशी संत श्री मोनूराम जी श्री अमरापुर स्थान, जयपुर
जयपुर अमरापुर दरबार के संतो द्वारा असु चण्ड्र बधाई संदेश
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