अच्छी बातें सच्ची बातें। लेखिका रेखा धनकानी,,, जो हम सोचते हैं अक्सर वैसा ही कुछ हमारे जीवन में होना शुरू हो जाता है। क्योंकि जब भी हम जो कुछ भी सोचते हैं वही घूम के हमारे पास जरूर आता है। और महात्मा बुध भी कहते हैं मंगल सोचोगे तो मंगल ही होगा। अमंगल सोचोगे तो अमंगल होगा। इसलिए सदैव अच्छा सोचें। राधे राधे।
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