गहरे राजनीतिक और आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को बुधवार को इस्तीफा देना था, लेकिन सुबह होने से पहले ही वे श्रीलंका के सैन्य विमान से 90 मिनट की उड़ान के बाद मालदीव पहुंच गए। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और संसद के मौजूदा स्पीकर मोहम्मद नशीद माले एयरपोर्ट पर राजपक्षे का इंतजार कर रहे थे।
उनके मालदीव जाने की सबसे बड़ी वजह ये है कि मालदीव श्रीलंका का पड़ोसी देश है। दोनों देशों के बीच करीबी राजनीतिक और कारोबारी रिश्ते रहे हैं। मालदीव के नेताओं को भी राजनीतिक दिक्कतें होती हैं तो वे श्रीलंका का रुख करते रहे हैं।
मोहम्मद नशीद खुद कई बार श्रीलंका में शरण ले चुके हैं। 2003 में माले में हुए दंगों के बाद नशीद श्रीलंका पहुंचे थे और यहीं से उन्होंने मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी की नींव रखी थी। बाद में नशीद 2016 से 2018 तक फिर से श्रीलंका में रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव में राजपक्षे परिवार के घर और निवेश भी हैं। साथ ही राजपक्षे परिवार के वहां के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के साथ पारिवारिक संबंध हैं। यही वजह है कि राजपक्षे जब मालदीव पहुंचे तो नशीद एयरपोर्ट पर उन्हें लेने आए थे।
मालदीव से गोटबाया की सिंगापुर पहुंचने की खबर
जैसे ही यह खबर फैली कि गोटबाया ने मालदीव में शरण ली है, वहां के स्थानीय लोगों और श्रीलंका मूल के लोगों ने राजपक्षे का विरोध करना शुरू कर दिया। लिहाजा गोटबाया नए ठिकाने की तलाश में लग गए। बुधवार की रात उन्होंने मालदीव के वेलाना इंटरनेशनल हवाईअड्डे से सिंगापुर जाने कोशिश की, लेकिन यहां हो रहे प्रदर्शन के डर से फ्लाइट छोड़ दी। इस बीच अब खबर है कि गोटबाया सिंगापुर रवाना हो गए हैं। उन्हें सिंगापुर ले जाने के लिए निजी विमान मालदीव पहुंच था। यहां से वे सऊदी अरब जा सकते हैं।