‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आरंभ
-आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम व केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत हुए शामिल
जयपुर/उदयपुर, 13 सितम्बर। भारतीय काल गणना और ज्योतिष पूर्ण रूप से खगोल-भूगोल और विज्ञान आधारित है। इसे सहज और सरल रूप में उदात्त भाव से समाज तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें स्वयं संकल्पित होना होगा। यह आह्वान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने शनिवार को उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में भारतीय काल गणना, पंचांग और ज्योतिष विषय पर संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में किया।
प्रताप गौरव केन्द्र और देवस्थान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हो रही दो दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर से आए विद्वानों को संबोधित करते हुए निम्बाराम ने कहा कि जब यंत्र नहीं थे तब भारतीय ऋषि-मुनियों जो हमारे शोधकर्ता ही कहे जा सकते हैं, ने ग्रहों की दूरियां-गतियां बता दी थीं। कुंभ से अगले कुंभ तक की तैयारियां कर लेते हैं। कालांतर में हमने ही अपनी ही परम्पराओं, अपने ही ज्ञान का उपहास किया, यही वजह है कि हम अपने ही विषद ज्ञान भण्डार पर संशंकित होते गए।
मंदिरों की व्यवस्थाओं को ठीक करने का आह्वान
क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राज्य के देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत की ओर संकेत करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति के केंद्र हमारे मंदिरों की व्यवस्थाएं समुचित नहीं हैं। पुजारी को जो वेतन मिलता है उससे उसका जीवनयापन संभव नहीं है। मंदिरों की विभिन्न व्यवस्थाओं को परम्परा और संस्कृति के अनुरूप सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
विश्व सनातन संस्कृति की राह पर : देवस्थान मंत्री
मुख्य अतिथि देवस्थान विभाग के मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति चराचर जगत के कल्याण की बात करती है और यह संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी आज भी स्थापित हैं। कालगणना की सटीकता का प्रमाण हमारे कुंभ हैं जो बरसों पहले तय हो जाते हैं और उनसे पूरा विश्व प्रभावित है जिसके दर्शन महाकुंभ में हुए, जहां बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु शामिल हुए। विश्व योग दिवस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज संसार सनातन संस्कृति की तरफ अग्रसर हो रहा है। मंत्री कुमावत ने यह भी कहा कि सनातन संस्कृति को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों से बचाव के लिए राजस्थान सरकार ने अवैध धर्मांतरण के विरुद्ध विधेयक पारित किया है। इससे विशेषकर जनजाति क्षेत्रों में मिशनरीज द्वारा किए जा रहे अवैध धर्मांतरण पर अंकुश लग सकेगा। जनजाति संस्कृति से जुड़ आस्था स्थलों के विकास के लिए ट्रायबल टूरिस्ट सर्किट पर भी सरकार काम कर रही है। इस सर्किट में मानगढ़धाम, मातृकुण्डिया, बेणेश्वर धाम, गौतमेश्वर आदि शामिल हैं।
उद्घाटन सत्र में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. बीपी शर्मा ने भी विचार रखे। संचालन डा. रविशंकर ने किया। धन्यवाद प्रताप गौरव शोध केन्द्र के निदेशक डा. विवेक भटनागर ने किया। कार्यक्रम में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष भगवती प्रकाश, राजस्थान विद्यापीठ के कुलगुरू कर्नल एसएस सारंगदेवोत, प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना, महामंत्री पवन शर्मा, उदयपुर के पूर्व महापौर गोविंद सिंह टांक, कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के कुलगुरू बीएल वर्मा आदि मौजूद रहे।
सर्किट हाउस में जनसुनवाई व पोस्टर विमोचन
केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने सर्किट हाउस, उदयपुर में आमजन की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री श्री कुमावत का साफा बांधकर, दुप्पटा व फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान मंत्री श्री कुमावत ने रक्तदान अभियान के पोस्टर का विमोचन किया।