कजली तीज महोत्सव-2025: बून्दी में 12 से 26 अगस्त तक संस्कृति और आस्था का रंगारंग संगम

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कजली तीज महोत्सव-2025:
बून्दी में 12 से 26 अगस्त तक संस्कृति और आस्था का रंगारंग संगम
जयपुर 11/8/2025
बून्दी की ऐतिहासिक गलियों में सावन-भादो के संगम पर रची-बसी कजली तीज की खुशबू इस बार भी पूरे शहर को भिगोने आ रही है। 12 अगस्त से 26 अगस्त 2025 तक आयोजित होने जा रहे कजली तीज महोत्सव-2025 का आगाज पारंपरिक शाही अंदाज़ में होगा, जिसमें आस्था, लोक-संस्कृति और पर्यटन का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
भव्य शोभायात्रा से होगी शुरुआतः-
महोत्सव के प्रथम दो दिन 12 और 13 अगस्त को रामप्रकाश टॉकीज, बालचन्द पाड़ा से लेकर कुम्भा स्टेडियम, बून्दी तक तीज माता की भव्य शोभायात्रा निकलेगी। शहर के मुख्य बाजारों से गुजरती इस यात्रा में सजे-धजे हाथी-घोड़े, विभिन्न प्रकार की झांकियां, लोक कलाकारों की टोलियां और बून्दी के प्रसिद्ध बैंड अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से माहौल को उत्सवी बना देंगे। यह यात्रा न केवल श्रद्धा का प्रतीक होगी बल्कि बून्दी की शाही परंपरा और लोककला की झलक भी प्रस्तुत करेगी।
14 दिन तक मेला और सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमः-
पर्यटन विभाग की आयुक्त पर्यटन रूकमणी रियाड़ के अनुसार महोत्सव के दौरान कुम्भा स्टेडियम में 12 से 26 अगस्त तक मेला भरता रहेगा। यहां हर दिन मेला मंच पर अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिनमें राजस्थान की लोकधुनों, नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां शामिल होंगी। 17 अगस्त की शाम विशेष रूप से पर्यटन विभाग द्वारा एक भव्य राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के ख्यातनाम लोक कलाकार मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

कजली तीज का महत्वः-
कजली तीज राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य भारत के कई हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। सावन की तीज के बाद आने वाली यह तीज खासतौर से भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इसे सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखकर मनाती हैं। बून्दी में कजली तीज का स्वरूप धार्मिक रस्मों से आगे बढ़कर एक लोकपर्व का रूप ले चुका है, जहां पारंपरिक मेलों, झूलों, लोकगीतों और नृत्यों से पूरा शहर जीवंत हो उठता है।
पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर का संगमः-
बून्दी की कजली तीज न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह राज्य के सांस्कृतिक पर्यटन का भी एक अहम आकर्षण है। इस अवसर पर देश-विदेश से पर्यटक बून्दी पहुंचते हैं और यहां की रंगीन गलियों, ऐतिहासिक स्मारकों और जीवंत लोकसंस्कृति का अनुभव करते हैं।
पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने आयोजन को सफल और यादगार बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और आगंतुकों के स्वागत हेतु विशेष इंतज़ाम किए जा रहे हैं, ताकि यह महोत्सव श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन सके।

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