गोविंद भक्तों के लिए जनहित विशेष संदेश जयपुर

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श्री राधा गोविन्द भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण विचारणीय संदेश जैसे कि हमने पहले मंदिर प्रशासन से नई व्यवस्था को बदलने के लिए निवेदन किया था, लेकिन फिर हमें लगा कि मंदिर में ऐसी व्यवस्था क्यों करनी पड़ी, उसका अनुभव भी आपके साथ साझा करना चाहते हैं। जरा सोचिएगा जरूर।
पिछले कुछ दिनों से मंदिर में जो व्यवस्था बदली गई है, उसके पीछे भी कई वजहें हैं।
हम सब सोचते हैं कि प्रशासन ने ऐसा क्यों किया, लेकिन कभी सोचा है कि मजबूरी क्यों आई?मंदिर के बाहर गाड़ियों की अव्यवस्था –लोग अपनी गाड़ियां कहीं भी, जैसे-तैसे पार्क कर देते हैं। दूसरों की गाड़ी ब्लॉक कर देते हैं, जिससे कई बार घंटों तक किसी को परेशानी होती है। जूते-चप्पल उतारने की लापरवाही –जहां जूते-चप्पल उतारने की जगह है, वहां नहीं उतारते। मंदिर के छावन के प्रवेश तक चप्पलें उतारकर रखते हैं, जिससे आने-जाने वालों को दिक्कत होती है और वातावरण की पवित्रता भी बाधित होती है।दर्शन स्थल पर रुकावट –दर्शन करके लोग वहीं खड़े रह जाते हैं, पीछे आने वाले भक्तों का ध्यान नहीं रखते। इससे न तो वे स्वयं ठीक से दर्शन कर पाते हैं, न दूसरों को करने देते हैं।अव्यवस्थित प्रणाम –
दंडवत प्रणाम करना श्रद्धा का प्रतीक है, लेकिन सोचिए – बीच रास्ते में, जहां लोग आ-जा रहे हैं, वहां लेट जाने से दूसरों को कितनी परेशानी होती होगी?दीपक रखने की अव्यवस्था –
दीपक रखने का स्टैंड होने के बावजूद लोग दीपक कहीं भी रखकर चले जाते हैं। जरा सोचिए, यह कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
महिलाओं-पुरुषों की व्यवस्था का उल्लंघन –जहां पुरुष खड़े होते हैं, वहां महिलाएं घुसती हैं, और जहां महिलाएं खड़ी होती हैं, वहां पुरुष घुस जाते हैं। यह भी एक बड़ी अव्यवस्था और असुविधा का कारण बनता है।
फोटो खिंचवाना और भीड़ जमाना –भक्त रेलिंग के पास या कहीं भी समूह बनाकर फोटो खिंचवाने लग जाते हैं। हटने को कहने पर बहस, झगड़ा, यहां तक कि मारपीट तक की नौबत आ जाती है। क्या भगवान ऐसे व्यवहार से प्रसन्न होंगे?बांके बिहारी मंदिर, खाटूश्याम जी, सांवरिया सेठ एवं अन्य बड़े मंदिरों में अत्यधिक भीड़ की व्यवस्था नहीं होने के कारण भगदड़ मची, जिससे कई भक्तों की जान चली गई और अनेक घायल हो गए।
ऐसी परिस्थिति यहां उत्पन्न न हो, इसी कारण मंदिर प्रशासन ने यह व्यवस्था की है।सोचने की बात
अगर हम सब अपनी आदतें सुधार लें,
सही जगह पार्किंग करें
चप्पल-जूते नियत स्थान पर उतारें दर्शन करके आगे बढ़ जाएं
दीपक सही जगह रखेंऔर सबसे जरूरी – दूसरों का भी ध्यान रखें, तो मंदिर प्रशासन को ऐसी कड़ी व्यवस्थाएं बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। हम सुधरेंगे, तो व्यवस्था अपने आप सुधर जाएगी।
कृपया इस संदेश को सभी भक्तों तक पहुँचाएं ताकि हम सब अपने प्रिय ठाकुरजी के दरबार में एक आदर्श भक्त की तरह जाएं और दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनें।जय श्री गोविन्द देव जी निवेदक गोविन्द भक्त राजेश स्वामी,जगदीश पारीक,पवन शर्मा,भावना पुरोहित,रेखा रांकावत एवं भक्तगण

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