गहलोत सरकार में पुलिस मजबूर थी। आज मजबूत है

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गहलोत सरकार में पुलिस मजबूर थी, आज मजबूत है कांग्रेस पार्टी है लोकतंत्र विरोधी विधायक वही जो सदन एवं आसन का सम्मान करें नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली दिख रहे असहाय भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ जयपुर 26 फरवरी 2025। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड ने भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता की, इस दौरान साथ में उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा और कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा भी मौजूद रहे। राठौड़ ने कहा कि जब अशोक गहलोत जी मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अपने उपमुख्यमंत्री से लड़ाई चलती रहती थी। आपसी लड़ाई में विधायक होटलों में रहे, उन्हें तो सरकार चलाने का समय ही कब मिला। गहलोत सरकार में पुलिस मजबूर थी, आज मजबूत है। माफियाओं को पनपाने का काम गहलोत सरकार ने किया। भाजपा सरकार ने तो माफियाओं पर लगाम लगाकर अपराध को रोकने का काम किया है। प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधानसभा में हर दिन नया विवाद खड़ा करना चाहती है। सदन में बजट प्रस्तुत होने के बाद कांग्रेस ने खासकर इनके प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जो वातावरण बनाया है, उससे लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पूरे प्रकरण में राजनीति कर रही है। गोविंद सिंह डोटासरा सदन को चलने नहीं देना चाहते हैं, सदन को हाईजैक करना चाहते हैं, जो संभव नहीं है। वे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को भी बोलने का मौका नहीं देते हैं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली असहाय दिख रहे हैं। सदन लोकतांत्रिक व्यवस्था से ही चलेगा। सबसे बड़ी बात तो यही है कि डोटासरा विधानसभा अध्यक्ष के आसन तक पहुंचे। उन्होंने वहां पहुंचकर जो आचरण किया उससे सदन की गरीमा को ठेस पहुंची है। डोटासरा ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिन्हें दोहराना भी उचित नहीं हैं।भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत सदन में आते ही नहीं हैं, परंतु अब विधानसभा गतिरोध मामले में अचानक आकर सुर्खियां बटोरने का काम कर रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि गोविंद डोटासरा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी बात नहीं मानी, जबकि गहलोत को अपने चहेते व्यक्ति डोटासरा को अच्छे से समझाना चाहिए था।मदन राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत और विधानसभा स्पीकर के मकान में ज्यादा दूरी नहीं है। वो ख़ुद जाकर भी स्पीकर से माफी मांग सकते थे। गहलोत जी ने भी सदन का सम्मान नहीं किया। डोटासरा भी पहले तो विधानसभा अध्यक्ष के ऑफिस में वादा करके आए परंतु सदन में बदल गए और खेद प्रकट नहीं करके वादा खिलाफी की। कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए और सदन को चलाने में सहयोग करना चाहिए। सदन और आसन का सम्मान करते हुए नियमों का पालन करना एक व्यवस्था होती है, इसलिए कांग्रेस नेताओं को सदन की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने सदन और सदन के बाहर भी ऐसे शब्दों का उपयोग किया जो गरिमापूर्ण नहीं थे। डोटासरा ने सदन की गरिमा को तार-तार किया है। संविधान की रक्षा का नाटक करने वाले लोगों ने संविधान और सदन का मजाक बनाया है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस संविधान का पालन नहीं करती है बल्कि इसे अपनी जेब में रखती है।
डोटासरा सदन में माफी मांगना तो दूर की बात सदन से बाहर भी अनर्गल बोल रहे हैं। यहां तक की अध्यक्ष पर असंसदीय टिप्पणी करने के बाद अब मीडिया पर भी सवाल उठा रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष का भावुक होना अपने आप में बहुत बड़ा संदेश है। डोटासरा इसे भांप चुके हैं कि उनके शब्द सही नहीं थे। अब इसी झल्लाहट में वे अपनी बातों से मुकरते जा रहे हैं।
प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार के समय प्रदेश में अपराध चरम पर था, परंतु भजनलाल सरकार ने आते ही अपराध पर लगाम लगाने का काम किया है। हमारी सरकार ने तत्काल अपराध पर नियंत्रण किया है और अपराधियों को जेल की हवा खिलाई है।

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