पुस्तक के ज्ञान का भंडार होती हैं। मनीषा सिंह

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कहते हैं, पुस्तकें ज्ञान का भंडार तो होती हैं साथ-साथ हमारी सबसे अच्छी दोस्त भी होती हैं !! जयपुर में दिनांक 24 मई को मान द वैल्यू फाउंडेशन और बियॉन्ड ह्यूमैनिटी द्वारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, लाल्या का बास, महापुरा में कार्यक्रम “शेल्फ शिक्षा”” पुस्तकों की गागर, ज्ञान का सागर” किया गया जिसके तहत सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए पुस्तकालय बनाने की पहल है। मान फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ॰ मनीषा सिंह ने बताया कि सभी बच्चों को समान शैक्षिक संसाधन और अवसर प्रदान करना लाइब्रेरी का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिससे सभी बच्चे समान रूप से लाभान्वित हो सकें। इन कारणों से, स्कूल में बच्चों के लिए लाइब्रेरी सेटअप करना उनके शैक्षिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बियॉन्ड ह्यूमैनिटी की अध्यक्ष कशिश ललवानी और प्राची माणसिंघानी ने बताया कि लाइब्रेरी में समय बिताने से बच्चे खुद से किताबें चुनना, पढ़ना, और समझना सीखते हैं, जिससे उनमें आत्मनिर्भरता और स्वतंत्र सोच विकसित होती है। कुसुम लालवानी ने बच्चों को पुस्तकें भेंट की और उनसे नैतिक कहानियाँ के बारे में बातचीत की । जानवी लालवानी और धीरेन माणसिंघानी ने पुस्तक पढ़ने के फ़ायदों के बारे में बताया । विद्यालय की शिक्षिका सुनीता नरूका और सरोज शर्मा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में वंशिका राजावत , यशिका शर्मा , यशवंत सिंह राठौड़, त्रिलोक वर्मा जी आदि ने अपनी उपस्थिति देकर छात्रों की हौसलाअफ़जाई की।

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