९८९गणेश जी की दाईं सूंड व बाईं सूंड का महत्व के बारे में विशेष जानकारी जानिए दिनांक 11/12/2022 रविवार गणेश की प्रतिमा लाने से पूर्व या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि श्री गणेश की कौन सी सूंड होनी चाहिये क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है सीधी सूंड वाले गणेश जी दुर्लभ हैं इनकी एकतरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप के भी कई भेद हैं कुछ मुर्तियों में गणेशजी की सूंड को बाई और घुमाया हुआ दर्शाया जाता है तो कुछ में दाई ओर गणेश जी की सभी मूर्तियां दायी या बायी और सूंड वाली होती हैं गणेश जी की बायी सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है प्राय: गणेश जी की सीधी सूंड तीन दिशाओ से दिखती है जब सूंड दाईं ओर घूमी होती है तो इसे पिंगला स्वर और सूर्य से प्रभावित माना गया है एेसी प्रतिमा का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है वहीं बाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति को इड़ा नाड़ी व चंद्र प्रभावित माना गया है एेसी मूर्ति की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है जैसे शिक्षा, धन प्राप्ति, व्यवसाय, उन्नति, संतान सुख, विवाह, सृजन कार्य और पारिवारिक खुशहाली सीधी सूंड वाली मूर्ति का सुषुम्रा स्वर माना जाता है और इनकी आराधना रिद्धि-सिद्धि, कुण्डलिनी जागरण, मोक्ष, समाधि आदि के लिए सर्वोत्तम मानी गई है संत समाज ऐसी मूर्ति की आराधना करते है परकोटा गणेश मंदिर में दाईं और सूंड वाली मूर्ति है इसीलिए इस मंदिर की आस्था आज शिखर पर है कुछ विद्वानों का मानना है कि दाई ओर घुमी सूंड के गणेशजी शुभ होते हैं तो कुछ का मानना है कि बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी शुभ फल प्रदान करते हैं हालांकि कुछ विद्वान दोनों ही प्रकार की सूंड वाले गणेशजी का अलग-अलग महत्व बताते हैं यदि गणेशजी की स्थापना घर में करनी हो तो दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी शुभ होते हैं दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं ऎसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाते है किसी भी विशेष कार्य के लिए कही जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है व शुभ फल प्रदान करते है इससे घर में पॉजीटिव एनर्जी रहती है व वास्तु दोषों का नाश होता है घर के मुख्य द्वार पर भी गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ होता है यहां दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी की स्थापना करना चाहिए दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी विघ्नविनाशक कहलाते हैं इन्हें घर में मुख्य द्वार पर लगाने के पीछे तर्क है कि जब हम कहीं बाहर जाते हैं तो कई प्रकार की बलाएं, विपदाएं या नेगेटिव एनर्जी हमारे साथ आ जाती है घर में प्रवेश करने से पहले जब हम विघ्वविनाशक गणेशजी के दर्शन करते हैं तो इसके प्रभाव से यह सभी नेगेटिव एनर्जी वहीं रूक जाती है व हमारे साथ घर में प्रवेश नहीं कर सके चांदपोल परकोटा गणेश मंदिर जयपुर राजस्थान, संपर्क सूत्र मो० नम्बर 9782064443
गणेश जी महाराज विशेष जानकारी
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