आरपीए में शुरू हुआ ऑन लाईन बाल लैगिंक शोषण विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 7 राज्यों के 61 पुलिस अधिकारी भाग ले रहे हैं जयपुर 19 सितम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय संस्था इन्टरनेशनल सेन्टर फॉर मिंसिंग एण्ड एक्सप्लोयटेड चिल्ड्रन (आईमेक) एवं यूनीसेफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में “बच्चों का ऑनलाईन लैंगिक अपराध अनुसंधान” (Online Child Sexual Exploitation) विषय पर सोमवार को राजस्थान पुलिस अकादमी, जयपुर में तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ हुआ।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एवं निदेशक आरपीए राजीव शर्मा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में अन्तर्राष्ट्रीय संस्था आईमेक की फैकल्टी द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस प्रशिक्षण में छह राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, गुजरात से 13 एवं राजस्थान पुलिस के 48 अधिकारियों सहित साईबर अपराधों के अनुसंधान से जुडे कुल 61 अधिकारी भाग ले रहे है।
इस प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए निदेशक आरपीए राजीव शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद बच्चों में इन्टरनेट का उपयोग बढ़ा है। इससे बच्चों के प्रति बाल पोर्नोग्राफी एवं अन्य लैंगिक साईबर अपराधों की रोकथाम हेतु विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से पुलिस कर्मी साईबर क्राइम से बच्चों को बचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकते है। इस महत्त्वपूर्ण प्रशिक्षण के बाद साईबर अपराधों का अनुसंधान में तकनीकी ज्ञान में वृद्धि होगी व बच्चों के लिए बेहतर सुरक्षित वातावरण के लिए कार्य कर सकेगें ।
उदघाटन सत्र पर एडीजी एटीएस व एसओजी अशोक राठौड़ द्वारा टिप लाईन रिपोर्ट प्रजेन्टेशन दिया गया। जिसमें राजस्थान पुलिस द्वारा साईबर क्राइम में गत समय में किये गये कार्यो का उल्लेख कर विधिक प्रावधानों को समझाया गया। इस अवसर पर आईमेक संस्था के गुलेरमो गेलेर्जा, सुश्री पिलर रेमरेज, ब्रेमवेल रॉय एवं मन्ना बिश्वास, बाल संरक्षण अधिकारी यूनिसेफ राजस्थान एवं आरपीए के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक आरपीए सौरभ कोठारी के द्वारा किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरपीए
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