वेदों से नई पीढ़ी को जोड़ने की आवश्यकता। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी

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लिविंग वेद पर संगोष्ठी मानव जीवन की समस्याओं का समाधान वेदों में वेदों से नई पीढ़ी को जोड़ने की आवश्यकता – श्री देवनानी
जयपुर, 28 दिसंबर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि वेदों से नई पीढ़ी को जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वेदों की शिक्षाओं को सरल भाषा में बताया जाना आज की जरूरत है। श्री देवनानी का कहना था कि हम कितने भी आधुनिक बन जाएं, वेदों की शिक्षाओं की आवश्यकता हमारे जीवन में सदैव बनी रहेगी।देवनानी ने कहा कि वेद प्राचीनतम ग्रंथ हैं लेकिन यह आज भी सामायिक है। उन्होंने कहा कि लोगों को सरल भाषा में वेदों को समझाना आवश्यक है। श्री देवनानी ने विद्वानों का आव्हान किया कि वे वेदों का सरलीकरण से विवेचन करें ताकि लोगों को वेदों की अनुभूति हो सके और वे समझ सके कि मानव जीवन की समस्याओं का समाधान वेदों में है। श्री देवनानी का मानना था कि जीवन जीने की शैली वेदों से समझी जा सकती है।देवनानी शनिवार को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित श्री अरविंद के आलोक में वेद की आधुनिक व्याख्या पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।देवनानी ने कहा कि वेद अतीत नहीं वर्तमान है । आमजन को उनकी अनुभूति करने की आवश्यकता है। यह केवल आध्यात्मिक अनुष्ठान ही नहीं है बल्कि चेतना की गहरी परतो तक पहुंचने वाला अथाह ज्ञान है।
देवनानी ने कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन को वेदों से समझा जा सकता है। वेद राष्ट्रीय जागरण को नई दिशा देते हैं। मानवता का सबसे बड़ा दर्शन भी वेदों में मिलता है। प्रकृति के प्रति सम्मान वेदों से समझा जा सकता है और भारत के नैतिक ढांचे को भी यह आकार प्रदान करते हैं। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक श्री सुदेश कुमार शर्मा ने स्वागत उद्बोधन किया। संगोष्ठी को डॉ अजीत सबनीस और डॉ आलोक पांडे ने भी संबोधित किया। वैदिक मंत्र उच्चारण डॉ सुधाकर पांडे ने किया। समारोह में पहुंचने पर श्री देवनानी की केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री वाई एस रमेश और अरविंदो सोसाइटी के श्री सूर्य प्रताप सिंह सहित विश्वविद्यालय, साक्षी ट्रस्ट और सोसायटी के अधिकारियों ने अगवानी की।

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