हिन्दू समाज में तीर्थों की असाधारण महिमा : देवस्थान मंत्री
– रामेश्वरम के लिए “राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन” रवाना
– केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने दिखाई हरी झंडी
जयपुर, 23 जुलाई। पुरानी परंपरा है कि हर व्यक्ति को तीर्थ यात्रा जरूर करनी चाहिए। मंदिरों और तीर्थों को ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इसी वजह से मंदिर या तीर्थ पर जाने से हमारे मन को शांति मिलती है। शांत मन और सकारात्मक सोच के साथ किए गए काम में सफलता मिलती है। नई ऊर्जा मिलती है। यह बात राजस्थान सरकार के देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बुधवार को देवस्थान विभाग की ओर से वरिष्ठजन तीर्थयात्रा योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही। इस दौरान उन्होंने रामेश्वरम-मदुरई के लिए “राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन” को दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
देवस्थान मंत्री ने कहा कि भारतीय हिन्दू समाज में तीर्थों की असाधारण महिमा है। प्राचीन एवं मध्यकालीन समय में भारतवर्ष में तीर्थयात्राओं के माध्यम से समाज को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त हुए। तीर्थस्थल भारतवर्ष की अखण्डता के जीवंत प्रतीक हैं। भिन्न-भिन्न जातियों एवं सम्प्रदायों के अनुयायी धार्मिक भावना से अभिप्रेरित होकर पारस्परिक भेदभाव को भुलाकर तीर्थ-स्थलों की यात्रा करते हैं। इस प्रकार एक सुदृढ़ सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय एकता की स्थापना होती है।
776 वरिष्ठजन करेंगे विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के दर्शन
देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बताया कि इस ट्रेन के जरिए कुल 11 जिलों- जयपुर, अलवर, सीकर, झुंझुंनुं, दौसा, खैरथल-तिजारा, कोटपुतली-बहरोड़, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, करौली जिले के कुल 776 वरिष्ठजनों सहित 800 यात्री रामेश्वरम व मदुरई के रवाना हुए हैं। जयपुर से 550 यात्री व सवाई माधोपुर से 250 यात्री सवार हुए हैं। यह ट्रेन 25 जुलाई को रामेश्वरम पहुंचेगी, रामेश्वरम में रामनाथ स्वामी ज्योतिर्लिंग, धनुषकोटि, ब्रह्मकुंड के दर्शन मुख्य रूप से कराएगी। इसके बाद मदुरई में मिनाक्षी मंदिर के दर्शन उपरांत ट्रेन पुन: जयपुर के लिए प्रस्थान करेगी।
एसी ट्रेन में वरिष्ठजनों के लिए विशेष सुविधाएं
श्री कुमावत ने बताया कि यात्रा में सभी यात्रियों की देख-रेख हेतु एक ट्रेन प्रभारी, प्रत्येक कोच में दो सरकारी कर्मचारी अनुदेशक, साथ ही एक डॉक्टर व दो नर्सिंग अधिकारी भी रहेंगे। राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन में कुल 14 कोच हैं, जिसमें 10 यात्री कोच हैं। प्रत्येक तीर्थयात्री को तुलसी माला व पटवस्त्र देकर विदा किया गया है। राजस्थान के दुर्ग, पुरासम्पदा, मंदिर, नृत्य, वाद्य, उत्सव, कला आदि वैशिष्ट्य की थीम पर अलग-अलग डिब्बों को सजाया गया है। मरुधरा में सूर्योदय व सूर्यास्त की स्वर्णिम आभा को प्रदर्शित करने के लिए इसकी थीम में पीताभ केसरिया रंग को वरीयता दी गयी है। डिजाइन में राजस्थान के राजसी स्वरूप के साथ-साथ मंदिर व शुभत्व के विविध प्रतीकों व चिह्नों का भी प्रयोग किया गया है। डिजाइन में राजस्थान की पहचान बने पशु-पक्षियों को भी विशेष स्थान दिया गया है। इनमें गाय व ऊँट के अतिरिक्त रणथम्भौर के बाघ व तालछापर के कृष्णमृग को भी स्थान दिया गया है। इससे पहले देवस्थान मंत्री ने रिबन काटकर ट्रेन में तीर्थ यात्रियों से मुलाकात कर उनके लिए उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस मौके पर देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत के पहुंचने पर उनका फूल मालाएं पहनाकर, बुके देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त रतनलाल योगी व महेंद्र कुमार देवतवाल, निरीक्षक सुरेंद्र कुमार पूनिया, आईआरसीटीसी के प्रदीप माहेश्वरी, भाजपा जयपुर के जिलाध्यक्ष अमित गोयल आदि मौजूद रहे।