कर्ण की व्यथा और जीवन दर्शन से जुड़ गए देशी व विदेशी सैलानी
जयपुर, 10 जनवरी 2025
जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर शुक्रवार, 10 जनवरी को रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी रचना “रश्मिरथी” का मंचन किया गया। यह आयोजन राजस्थान पर्यटन विभाग की पहल “कल्चरल डायरीज” के तीसरे एडिशन के तहत किया गया, जिसमें कर्ण के संघर्ष, साहस और महानता को नाटकीय रूप से प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्देशन युवा नाट्य निर्देशक अभिषेक मुद्गल ने किया, जबकि इसका मंचन रंगमस्ताने नाट्य समूह द्वारा किया गया।विदेशी पर्यटकों और साहित्य प्रेमियों ने सराहा महाभारत के कर्ण के जीवन संघर्ष और उनकी अद्वितीय दानवीरता को प्रदर्शित करता यह नाटक दर्शकों के लिए महाभारतकालीन संस्कृति और दर्शन को समझने का एक सशक्त माध्यम बना। इस नाटक ने न केवल स्थानीय दर्शकों बल्कि विदेशी पर्यटकों का भी ध्यान आकर्षित किया। नाटक में कर्ण के जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया। समाज द्वारा बार-बार अस्वीकार किए जाने के बावजूद, उनकी अडिग निष्ठा और साहस ने उन्हें महान बनाया।
रामधारी सिंह दिनकर कालजयी रचना के संवादों ने दर्शकों को कर्ण के चरित्र की गहराई और मानवीय संघर्ष को महसूस करने का अवसर दिया।कल्चरल डायरीज” की अगली प्रस्तुति शनिवार, 11 जनवरी को इस सांस्कृतिक श्रृंखला के तहत जैसलमेर के प्रसिद्ध लोक कलाकार महेशाराम और उनके दल द्वारा संतों की वाणी को गायन व कवित्व शैली में प्रस्तुत किया जाएगा।
“कल्चरल डायरीज” का उद्देश्यः
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर शुरू की गई यह सांस्कृतिक श्रृंखला राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की जा रही है। हर पखवाड़े होने वाले इन आयोजनों का उद्देश्य राजस्थान की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।इस अवसर पर पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक श्रीमती पुनीता सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
कर्ण की व्यथा और जीवन दर्शन से जुड़ गए देशी व विदेशी सैलानी
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