सोलहवीं विधान सभा का चतुर्थ सत्र मध्यान्ह पश्चात 4:58 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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*सत्र समीक्षा*

*सदन में जुडे नये आयाम*

*सोलहवीं विधान सभा का चतुर्थ सत्र मध्यान्ह पश्चात 4:58 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित*

*91 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के जवाब विधान सभा को प्राप्त*

*नियम 295 के अन्तर्गत विशेष उल्लेख के 337 प्रस्तावों में से 307 के उत्तर प्राप्त*

*नियम 131 के तहत प्राप्त 1686 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों में 1575 के उत्तर प्राप्त*

जयपुर, 10 सितम्बर। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने सोलहवीं राजस्थान विधान सभा के चतुर्थ सत्र में नये आयामों को जोड़ने के साथ बुधवार को मध्यान्ह पश्चात 4 बजकर 58 मिनट पर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया। सत्र के समापन पर राष्ट्रगान हुआ। श्री देवनानी ने बताया कि सोमवार 01 सितम्बर से सोलहवीं राजस्थान विधान सभा का चतुर्थ सत्र में प्रारम्भ हुआ था। अध्यक्ष श्री देवनानी ने बताया कि इस सत्र में कुल 06 बैठकें हुई है। 10 सितम्बर तक चतुर्थ सत्र की कार्यवाही 18 घण्टे 40 मिनट तक चली।

*91.5 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब प्राप्त-* श्री देवनानी ने बताया कि सोलहवीं विधान सभा के प्रथम तीन सत्रों के 91.5 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब राजस्थान विधान सभा को प्राप्त हो गए है। उन्होंने बताया कि प्रथम सत्र में 2098 में से 2073 प्रश्नों के उत्तर विधानसभा को प्राप्त हो गए है। इसी प्रकार द्वितीय सत्र के 7945 में से 7657, तृतीय सत्र में 9701 में से 8351 प्रश्नों के उत्तर राजस्थान विधानसभा को प्राप्त हो गए है। श्री देवनानी ने बताया कि अधिकारियों के साथ निरन्तर समीक्षा किये जाने से राजस्थान विधान सभा को पहली बार समय पर अधिक संख्या में प्रश्नों के जवाब प्राप्त हुए है। श्री देवनानी ने कहा कि चतुर्थ सत्र में कुल 3008 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से तारांकित प्रश्न 1237, अतारांकित प्रश्न 1770 एवं अल्प सूचना प्रश्न एक हैं। कुल 120 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से 53 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे गये और उनके उत्तर भी दिये गये। इसी तरह 119 अतारांकित प्रश्न भी सूचीबद्ध हुए।

*78 प्रतिशत नियम-131 के अंतर्गत ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब प्राप्त-* अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रक्रिया के नियम-131 के अंतर्गत 437 प्रस्तावों की सूचनाएं प्राप्त हुई। जिनमें से 14 प्रस्ताव अग्राह्य किये गए। सदन में संबंधित मंत्रीगण का ध्यान आकर्षित करने हेतु 02 प्रस्ताव कार्य-सूची में सूचीबद्ध किये गए। उन्होंने बताया कि प्रथम सत्र में 142 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें से 136 के उत्तर प्राप्त हुए। इसी प्रकार ‌द्वितीय सत्र में 733 प्रस्तावों में से 707 और तृतीय सत्र में कुल 811 प्रस्तावों में से 732 के उत्तर प्राप्त हुए। श्री देवनानी ने कहा कि 78 प्रतिशत ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब भी पहली बार विधानसभा को प्राप्त हुए है।

*प्रक्रिया के नियम 50 के अंतर्गत 134 स्थगन प्रस्ताव-* श्री देवनानी ने बताया कि सदस्यों से प्रक्रिया के नियम 50 के अंतर्गत कुल 134 स्थगन प्रस्तावों की सूचना प्राप्त हुई। इनमें से 21 स्थगन प्रस्तावों पर सदन में बोलने का अवसर दिया गया तथा 17 विधायकों ने अपने विचार रखे।

*94 प्रतिशत जवाब आए नियम-295 के अंतर्गत विशेष उल्लेख के प्रस्तावों के-* श्री देवनानी ने बताया कि विधायकगण द्वारा प्रक्रिया के नियम-295 के अंतर्गत 95 विशेष उल्लेख के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 78 विशेष उल्लेख की सूचनाएं सदन में पढ़ी गई या पढ़ी हुई मानी गई। विशेष उल्लेख की 15 सूचनाएं विधायकों के सदन में अनुपस्थित होने के कारण व्यपगत हुई। उन्होंने बताया कि प्रथम सत्र में कुल 59 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें से सभी के उत्तर प्राप्त हो चुके हैं। ‌द्वितीय सत्र में कुल 255 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें से 249 के उत्तर प्राप्त हुए। तृतीय सत्र में कुल 337 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें से 307 के उत्तर प्राप्त हुए। श्री देवनानी ने बताया कि तीनों सत्रों में कुल 651 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें 615 के उत्तर प्राप्त हुए एवं मात्र 36 ही लम्बित है। इनके जवाब भी विधानसभा को शीघ्र ही प्राप्त हो जाएंगे।

*पर्ची -* श्री देवनानी ने बताया कि विधायकगण द्वारा कुल 267 पर्चियां प्राप्त हुई। जिनमें से शलाका द्वारा कुल 20 पर्चियां चयनित हुई व संबंधित विधायकगण ने अपने विचार सदन के समक्ष रखें।

*विधायी कार्य-* श्री देवनानी ने बताया कि वर्तमान सत्र में कुल 07 विधेयक पुरःस्थापित किये गये तथा प्रवर समिति द्वारा प्रस्तुत 03 विधेयकों कुल 10 विधेयक सदन द्वारा पारित किये गये तथा 01 विधेयक वापस लिया गया। उन्होंने बताया कि विधेयकों पर सदस्यों से कुल 161 संशोधन प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 46 संशोधन प्रस्ताव सचिवालय स्तर पर अग्राह्य एवं 115 संशोधन स्वीकार किये गये। श्री देवनानी ने कहा कि विगत सत्र में कुल 12 विधेयक पुरःस्थापित किये जाकर 10 विधेयक सदन द्वारा पारित किये गये तथा 3 विधेयक प्रवर समिति को सुपुर्द किये गए। विधेयकों पर सदस्यों से कुल 210 संशोधन प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 39 संशोधन प्रस्ताव सचिवालय स्तर पर अग्राह्य एवं 171 संशोधन स्वीकार किये गये।

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